वाराणसी में अधूरे विकास कार्य देख अधिकारियों पर नाराज हुए CM योगी

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर गए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को जहां वाराणसी केंद्रीय कारागार में अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की प्रतिमा का अनावरण किया. वहीं वभिन्न विभागों के साथ समीक्षा बैठक भी की. सीएम ने शिकायतों को लेकर अधिकारियों के समक्ष आपत्ति व नाराजगी जताई तो लक्ष्य पर काम पूरा करने के साथ जनता की सहूलियत और सुरक्षा के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने शनिवार रात को भी तमाम विकास कार्यो का निरीक्षण किया था और संत समाज से मुलाकात की थी.

रविवार सुबह सीएम योगी ने वाराणसी केंद्रीय कारागार में अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद की प्रतिमा का अनावरण किया. लाल पत्थर (मेटल) से बनी आजाद की प्रतिमा सरकारी पैसे से नहीं बल्कि लोगों के सहयोग से बनवाई गई है. कैदियों से लेकर कारागार प्रशासन और बाहरी लोगों ने इसमें योगदान दिया है. प्रतिमा अनावरण के मौक पर मुख्यमंत्री ने चन्द्रशेखर आजाद के जीवन वृत्त के बारे में बताते हुए जेल में बंदियों से कहा कि आप लोग जब सलाखों से बाहर निकलें तो समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और सम्मानित जीवन जिएं.

इसके बाद योगी ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों संग समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान पेयजल परियोजनाओं के अधूरे रहने पर गहरी नाराजगी जताई और जल निगम के अधिकारियों को फंड की उपलब्धता के बावजूद काम पूरा न होने का कारण बताने को कहा. सीएम योगी ने तय समय से पूरे नहीं हुए कार्यो का लिखित कारण प्रशासनिक अधिकारियों को देने को कहा. मुख्यमंत्री ने थानों में अवैध वसूली के अलावा सरकारी विभागों में आम जनता से वसूली की शिकायतों पर नाराजगी जताई. सीएम ने जिला अधिकारी को अवैध वसूली को लेकर सख्त कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंपी. मुख्यमंत्री ने पीडब्लूडी और एनएचएआई के काम की जानकारी ली. इसके बाद एनएचएआई व पीडब्लूडी के अधिकारियों को भी फटकारा.

उन्होंने सेतु निगम से संबंधित हादसे का जिक्र नहीं किया लेकिन निर्माण कार्य की समयबद्वत्ता और सुरक्षा मानकों को लेकर जमकर नाराजगी जताई. सीएम ने बीएचयू में हो रहे बवाल पर चिंता जताई और जिला प्रशासन को बीएचयू के पदाधिकारियों के साथ हर सप्ताह बैठक करने को कहा. शनिवार देर शाम वाराणसी पहुंचे सीएम योगी ने तमाम विकास कार्यो का निरीक्षण किया था. वहीं श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर को लेकर उपजे विवाद को दूर करने के लिए वाराणसी के वरिष्ठ संतों, विद्वानों और प्रबुद्ध लोगों से सर्किट हाउस में मुलाकात की. संतों से अलग-अलग वार्ता करते हुए योगी ने भरोसा दिलाया कि इस मामले में जनता के बीच जो भी भ्रम की स्थिति बनी है उसे दूर किया जाएगा.

उन्होंने स्पष्ट किया कि बनारस का विकास तीर्थ स्थल के तौर पर ही किया जाएगा. इसके मूल स्वरूप के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होगा. न ही मंदिरों और विग्रहों के साथ कोई छेड़छाड़ की जाएगी. सीएम ने भरोसा दिलाया कि काशी की गलियों का भी सुंदरीकरण करते हुए वहां यात्री सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी.

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