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यश भारती सम्मान की राशि हुई आधी, सुरेश रैना, अनुराग कश्यप और नवाजुद्दीन से छिनेगी पेंशन

लखनऊ : यूपी की योगी सरकार ने यश भारती सम्मान पाने वालों को बड़ा झटका दिया है. इस सम्मान के तहत पहले हर महीने 50 हजार की पेंशन दी जाती थी. लेकिन अब इसे घटाकर आधा कर दिया गया है. इतना ही नहीं इसमें से उन लोगों के नामों को हटा दिया जाएगा, जो सरकारी नौकरी वाले हैं या टैक्स अदा करते हैं. इस नियम के कारण इस सम्मान को पा चुके कई बड़े नाम इसमें से कट सकते हैं. योगी सरकार ने समाजवादी पार्टी की सरकार में यश भारती व पद्म सम्मान पाने वालों को पेंशन देने के लिए बनी नियमावली में संशोधन किया है. पेंशन की राशि 50 हजार से घटाकर 25 हजार रुपये प्रति माह कर दी है.

यश भारती से सम्मानित सरकारी सेवकों, सरकार के पेंशनरों और आयकरदाताओं को इस पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. मुख्यमंत्री ने इससे पहले यश भारती पेंशन को बंद करने का निर्णय लिया था, लेकिन भाजपा के अंदर से बढ़ते दबाव के बाद योगी सरकार ने पेंशन नियमावली में संशोधन करते हुए यश भारती सम्मान पेंशन की राशि आधी घटाकर इसे चालू रखने का फैसला लिया है. सरकार ने संशोधन के बाद यश भारती पुरस्कार व पेंशन संबंधी आवेदन की तिथि बढ़ाते हुए 31 जुलाई कर दी है. 31 जुलाई के बाद प्राप्त होने वाले आवेदनपत्रों पर संस्कृति विभाग द्वारा विचार नहीं किया जाएगा. अखिलेश सरकार में यश भारती एवं पद्म सम्मान से सम्मानित लोगों के लिए मासिक पेंशन नियमावली-2015 जारी की गई थी. इसके तहत यश भारती सम्मान से सम्मानित लोगों को 50 हजार रुपए मासिक पेंशन दी जाती थी.इस सम्मान को क्रिकेटर सुरेश रैना, आर पी सिंह, फिल्म एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी, अनुराग कश्यप और नसीरुद्दीन शाह जैसे लोगों को दिया जा चुका है, लेकिन अब नए नियमों के मुताबिक उनके नाम हटाए जा सकते हैं योगी सरकार ने इस पेंशन को बंद करने का निर्णय लिया था, भाजपा पदाधिकारी समेत कुछ नेताओं ने मुख्यमंत्री को खुला पत्र लिखकर यश भारती पेंशन दोबारा शुरू करने की मांग की थी. अब सरकार ने यश भारती सम्मान को जारी रखने, लेकिन अखिलेश सरकार में जारी की गई मासिक पेंशन नियमावली-2015 में संधोशन करते हुए मासिक पेंशन नियमावली-2018 जारी कर दी है. प्रमुख सचिव (संस्कृति) जितेंद्र कुमार की ओर से जारी नियावली के मुताबिक, यश भारती एवं पद्म पुरस्कारों से सम्मानित ऐसे लोग पेंशन पात्र नहीं होंगे, जो सरकारी पेंशन पा रहे हों, सरकारी सेवा में कार्यरत हों या आयकर दाता हों. यही नहीं, आवेदकों की जन्मभूमि और कर्मभूमि उत्तर प्रदेश ही होनी चाहिए. ऐसे पात्र लोगों को जीवन भर प्रतिमाह 25 हजार रुपये पेंशन दी जाएगी. वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में पेंशनर को जीवित होने का प्रमाणपत्र देना होगा. पेंशन की स्वीकृति के लिए निर्धारित प्रारूप पर निदेशक संस्कृति को आवेदन देना होगा.संस्कृति विभाग के निदेशक शिशिर कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा यश भारती पुरस्कार से संबंधित महानुभाव, जिनको पूर्व से पेंशन प्राप्त हो रही थी, उनसे कुछ अतिरिक्त सूचनाएं विभाग द्वारा आवेदन प्रारूप के माध्यम से मांगी गई थीं. इस संदर्भ में उनको पेंशन देने के लिए विभाग द्वारा प्रेषित किए गए आवेदन प्रारूप प्राप्त होने की अंतिम तिथि 4 जुलाई से एक सप्ताह निर्धारित की गई. फिर विभाग में आवेदन पत्र प्राप्त होने की अंतिम तिथि 22 जुलाई तक की गई. लेकिन बहुत से लोगों के आवेदनपत्र विभाग में अब तक प्राप्त नहीं हो सके, जिससे आवेदनोत्र जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 जुलाई तक किए जाने का निर्णय लिया गया है.

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