दिल्ली में खतरे के निशान से 0.7 मीटर ऊपर यमुना, निगमबोध घाट में घुसा पानी

नई दिल्ली: यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने की वजह से दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से 0.7 मीटर ऊपर पहुंच गई है, मंगलवार सुबह दिल्ली में युमुना का जलस्तर 206.03 मीटर दर्ज किया गया जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है। यमुना में पानी का जलस्तर बढ़ने की वजह से उसके किनारे पर बने निगमबोध घाट में पानी घुस गया है। हरियाणा के हथिनीकुण्ड बैराज से एक ही दिन में आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ मथुरा-वृन्दावन में भी यमुना नदी में बाढ़ आने का खतरा पैदा हो गया, जिसके चलते जिले के 175 गांव खतरे की जद में हैं। जिला प्रशासन ने आसन्न संकट से निपटने के लिए सभी ऐहतियाती इंतजामात करना शुरु कर दिए हैं

गौरतलब है कि पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बरसात के बाद हथिनीकुंड बैराज में जलस्तर ने छह साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 2013 में बैराज से यमुना में 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था तब दिल्ली में यमुना का जलस्तर 210 मीटर तक पहुंच गया था। इस बार हथिनीकुंड बैराज से अब तक 8 लाख 20 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा चुका है।

दिल्ली में डूब वाले इलाकों की हालत ऐसी है कि मकानों में पानी घुस गया है। सारी फसलें बर्बाद हो गई है। दिल्ली सरकार ने भांप लिया है कि आसार ठीक नहीं है इसलिए बोट से लेकर टेंट तक का इंतजाम कर लिया गया है। वहीं मथुरा-वृन्दावन में यमुना किनारे बसे कम से कम 67 गांव इसकी चपेट में आ सकते हैं। इनके बाद भी कम से कम 100 से अधिक गांव ऐसे हैं जहां पानी तबाही मचा सकता है।

जिला प्रशासन ने बाढ़ की आशंका वाले सभी 175 गांवों में बचाव एवं राहत कार्यों की तैयारियां पहले से ही शुरु कर दी हैं तथा इनमें से 67 गांवों के लोगों को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंचने से पूर्व ही अपने मवेशी एवं कीमती सामान लेकर ऊॅंचाई वाले स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।

जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने बताया, ‘‘ यमुना किनारे बसे मथुरा के सभी 67 गांवों में मुनादी पिटवाने का काम शुरू करा दिया है। लोगों को गांव छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए तैयार रहने के लिए कहा जा रहा है। इनमें मांट और महावन तहसील के 21-21, सदर तहसील के 20 और छाता के पांच गांव शामिल हैं। जबकि गोवर्धन तहसील इस संकट से दूर है।’

आपदा एवं राहत कार्यों के प्रभारी अधिकारी, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ब्रजेश कुमार ने बताया कि पशुपालन अधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी को अभी से सभी प्रकार की तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं। तहसील कर्मी और क्षेत्रीय पुलिस बल लोगों को सतर्क करने में जुट गए हैं। यमुना किनारे की सभी 31 बाढ़ चैकियों को भी सक्रिय कर दिया गया है। यहां तैनात कर्मचारी यमुना पर नजर रखे हुए हैं।’

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