केजरीवाल के लिए खतरे की घंटी

नई दिल्ली: पंजाब की सत्तारूढ़ कांग्रेस ने शाहकोट विधानसभा सीट पर 38,800 वोटों से भारी जीत दर्ज की है. इस सीट पर 20 सालों से शिरोमणि अकाली दल का कब्‍जा था. कांग्रेस उम्मीदवार हरदेव सिंह लाडी शेरोवालिया को 82,745 वोट मिले और उनके प्रतिद्वंद्वी अकाली दल के नायब सिंह कोहर को 43,944 वोट मिले. वहीं पंजाब विधानसभा चुनाव दूसरे नंबर पर रही आम आदमी पार्टी के उम्‍मीदवार इस सीट पर अपनी जमानत भी नहीं बचा सके. आप के उम्मीदवार रतन सिंह को यहां से सिर्फ 1,900 वोट ही मिले. ये पहली बार नहीं है इससे पहले भी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी आप के सभी उम्‍मीदवारों की जमानत जब्‍त हो गई थी.2015 के दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटों पर ऐतिहासिल जीत हासिल की थी. इसके बाद दिल्‍ली नगर निगम चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी के 40 उम्‍मीदवारों की जमानत जब्‍त हो गई थी. ये सिलसिला यही नहीं थमा. इसके बाद पार्टी ने दिल्‍ली और पंजाब से बाहर पांव पसारने की कोशिश की, जिसमें पार्टी को करार झटका लगा. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) ने 29 उम्‍मीदवारों को मैदान में उतारा और उसके सभी उम्‍मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी.  आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने उपचुनाव परिणाम को पंजाब में पार्टी के लिये उम्मीद से बिल्कुल विपरीत बताते हुये हार की समीक्षा करने की बात कही. सिंह ने कहा ‘‘पंजाब में निश्चित रूप से आप के लिये चुनाव परिणाम उम्मीद के विपरीत रहा. हमने अंतिम समय में चुनाव लड़ने का फैसला किया था. पार्टी हार की समीक्षा करेगी.’’    उल्लेखनीय है कि पंजाब में शाहकोट विधानसभा सीट के उपचुनाव में आप उम्मीदवार रतन सिंह कक्कर कलां को महज 1900 वोट मिले. उत्तर प्रदेश और बिहार सहित अन्य राज्यों में भाजपा की हार को भविष्य की राजनीति के लिये अहम संकेत बताते हुये सिंह ने कहा ‘‘कैराना, नूरपुर और अन्य सीटों के उपचुनाव परिणाम इस बात का साफ़ संकेत है कि भाजपा की वापसी का वक़्त आ गया है. मोदी जी को समझना चाहिये की जनता के दम पर सरकार चलती है तोतों के दम पर नहीं.’’

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