उपराज्यपाल और दिल्ली विधानसभा के बीच खींचतान से हंगामेदार रहा सदन

नई दिल्ली : उप राज्यपाल और दिल्ली विधानसभा के बीच खींचतान के चलते सोमवार को सदन में हंगामा हुआ. केंद्र ने विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल से कहा है कि वह‘‘ आरक्षित विषय’’ पर कोई प्रश्न स्वीकार नहीं करें, जिस पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि विधानसभा के साथ गृह मंत्रालय के अधीनस्थ जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए.

गोयल ने उप राज्यपाल कार्यालय से सेवा के जरिए आया एक लिखित संवाद पढ़ा
मामला सदन में तब उठा जब गोयल ने उप राज्यपाल कार्यालय से सेवा के जरिए आया एक लिखित संवाद पढ़ा. इसके बाद सतर्कता और सेवा विभागों ने विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब देने से इनकार कर दिया था. ये सवाल सर्तकता मामलों और अधिकारियों तथा मंत्रियों द्वारा बीते15 वर्षों में किए गए विदेश दौरे से संबंधित थे. विधानसभा अध्यक्ष ने अपनी व्यवस्था में कहा कि वे सभी सवाल सदन की अवमानना के आरोप में विशेषाधिकार समिति के पास भेजे जाते हैं जिनका जवाब संबद्ध विभागों द्वारा दिए जाने थे लेकिन अब तक नहीं मिले.

विधानसभा ने प्रस्ताव पारित कर एलजी कार्यालय का रिपोर्ट कार्ड मांगा
वहीं दिल्ली विधानसभा ने सोमवार को एक प्रस्ताव पारित कर आप सरकार को निर्देश दिया कि वह उन फाइलों की‘ स्थिति रिपोर्ट’ दे जिन्हें उप राज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय ने या तो‘ लंबित रखा है या रोक रखा है’ . इस कदम से एलजी और विधानसभा के बीच तनातनी और बढ़ेगी. प्रस्ताव आप विधायक सौरभ भारद्वाज लेकर आए. इसमें कहा गया कि रिपोर्ट में ऐसी फाइलों की सूची होनी चाहिए जिन्हें उप राज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय ने या तो‘ लंबित रखा है या रोक रखा है’ .

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