आजम खान की बढ़ी मुश्किलें, नियमों को ताक पर रख खरीदी थी जमीनें, अब चलेंगे चार मुकदमें

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैैं. जौहर यूनिवर्सिटी के संस्थापक आजम खान पर आरोप है कि सपा सरकार में आजम खान के द्वारा सारे नियमों को ताक पर रखकर यूनिवर्सिटी के अंदर आने वाली चकरोड को पहले एक्सचेंज किया, फिर जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल किया. शिकायत के बाद अब राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश ने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए चकरोड और ग्राम समाज की जमीन लेने के मामले में आजम खान के खिलाफ चार मुकदमे चलाने को मंजूरी दे दी है.

17 अप्रैल को होगी सुनवाई
लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष आकाश सक्सेना ने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए चकरोड और ग्राम समाज की जमीन लेने के मामले में शिकायत दर्ज की. इस मामले में कार्रवाई करते हुए राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश ने जौहर यूनिवर्सिटी के संस्थापक आजम खान के खिलाफ़ चार मुकदमे चलाने की मंजूरी दे दी गई है. इस मामले में अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी.

शिकायतकर्ता ने की थी डीएम से शिकायत
शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना ने इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की थी. जिलाधिकारी ने इस शिकायत के जांच की और जांच के बाद मामले को राजस्व परिषद में दायर किया गया.

सरकारी जमीन यूनिवर्सिटी में शामिल
दरअसल, सपा सरकार में आजम खान ने अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट का निर्माण पूरा किया. रसूख के चलते सरकारी जमीनों को यूनिवर्सिटी में शामिल कर दिया. जौहर यूनिवर्सिटी के लिए उत्तर प्रदेश जमींंदारी विनाश एवंं भूमि व्यवस्था अधिनियम के तहत जमीनों का एक्सचेंज हुआ था. तत्कालीन एसडीएम ने ये ऑर्डर किया था कि ऐसी जमीने जो जौहर यूनिवर्सिटी के अंतर्गत जो ग्राम समाज, नदी, रेत और चक रोड की थी, उनका एक्सचेंज करके उसे यूनिवर्सिटी को दिया गया था.

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