जबरन धर्मांतरण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है-सुप्रीम कोर्ट

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court)  ने धर्मांतरण(conversion) को एक गंभीर मुद्दा बताया है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (9 जनवरी) को कहा कि इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने छलपूर्ण धर्मांतरण को रोकने के लिए, केंद्र और राज्यों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देने का आग्रह करने वाली याचिका पर, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी की मदद मांगी.

जस्टिस एमआर शाह और जस्टीस सीटी रविकुमार की बेंच ने वेंकटरमणी से उस मामले में पेश होने के लिए कहा, जिसमें याचिकाकर्ता ने ‘भय, धमकी, उपहार और मौद्रिक लाभ के जरिए धोखाधड़ी’ के माध्यम से कराए जाने वाले धर्मांतरण पर रोक लगाने की अपील की है.

बेंच ने मामले में वेंकटरमणी से अदालत मित्र के रूप में सहायता करने को कहा. इसने कहा, ‘‘हम आपकी सहायता भी चाहते हैं, अटॉर्नी जनरल बल, लालच आदि धर्मांतरण के कुछ तरीके हैं, और यदि प्रलोभन के तरफ से कुछ भी ऐसा हो रहा है, तो क्या किया जाना चाहिए?

सुधारात्मक उपाय क्या हैं?’’ शुरुआत में, तमिलनाडु की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी विल्सन ने याचिका को ‘राजनीतिक रूप से प्रेरित’ जनहित याचिका कहा. उन्होंने कहा कि राज्य में इस तरह के धर्मांतरण का कोई सवाल ही नहीं है.

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