अक्षय कुमार ने बयां किया दर्द, ‘आज भी अंग्रेज मनाते हैं सारागढ़ी दिवस लेकिन देश ने भुला दिया…’

नई दिल्ली: अक्षय कुमार इस साल होली पर अपने दर्शकों को देशभक्ति के रंग से रंगने जा रहे हैं. रंग होगा जांबाजी का, कुर्बानी का, रंग होगा देश के प्रति मन मिटने का ‘केसरी’ रंग. बॉलीवुड के ‘सिंह इज किंग’ एक बार फिर सिंह की दहाड़ के साथ बॉक्स ऑफिस पर छाने के लिए तैयार हैं. लेकिन अक्षय को ‘केसरी’ इस बात का अफसोस है कि अपने देश के ऐसे जाबांजों को भुला दिया गया जिन्होंने सारागढ़ी की जंग में सिर्फ हौसले के दम पर फतेह हासिल की.

कल अक्षय कुमार ने फिल्म ‘केसरी’ के तीसरे सॉन्ग ‘तेरी मिट्टी’ को लॉन्च करते हुए मीडिया से बात करते हुए अपने दिल की बात कही. अक्षय ने बताया कि ‘बैटल ऑफ सारागढ़ी’ को लेकर उन्हें हमेशा ही इस बात का दुख होता है कि जिस जंग का याद करते हुए ब्रिटेन आज तक सारागढ़ी दिवस सेलीब्रेट करता है उस जंग और उन वीरों को इस देश में याद नहीं रखा गया. इतिहास के सिलेबस में शामिल हो ‘सारागढ़ी’
अक्षय ने बताया कि उन्हें इस बात का भी दुख है कि इस साहस और वीरता के बारे में देश की किसी भी संस्था के इतिहास के सिलेबस में नहीं जोड़ा गया. अक्षय का मानना है कि देश के ऐसे वीरों की कहानी को हर बच्चे को जानना जरूरी है. इसलिए इस जंग को जरूर ही इतिहास के सिलेबस में शुमार किया जाना चाहिए.

क्या है सारागढ़ी की जंग 
यह फिल्म जिस सारागढ़ी की लड़ाई पर आधारित है. वह भारतीय सैन्‍य इतिहास में काफी महत्वपूर्ण है. यह जंग 1897 में 12 सितंबर को लड़ी गई थी. इसे याद करते हुए अक्षय ने फिल्म का पहला पोस्टर 12 सितंबर 2018 को जारी किया था. वहीं गणतंत्र दिवस के दिन फिल्म का एक और पोस्टर सामने आया जिसने खबरों का बाजार गर्म किया. गौरतलब है कि सारागढ़ी की जंग इन 21 जांबाज भारतीय सैनिकों और 10 हजार अफगान कबाइलियों के बीच लड़ी गई थी. जंग जीतने के बाद इन सभी सैनिकों को इंडियन ऑर्डन ऑफ मेरिट से नवाजा था.बता दें कि बैटल ऑफ सारागढ़ी पर आधारित फिल्म ‘केसरी’ होली के अवसर पर 21 मार्च को रिलीज हो रही है. इस फिल्म में अक्षय कुमार के अलावा परिणीति चोपड़ा की अहम भूमिका है

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