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जन्माष्टमी से पहले कृष्ण के रंग में डूबीं ग्रेसी सिंह

नई दिल्ली : लगान में भुवन की गौरी बनी ग्रेसी सिंह “राधा कैसे ना जले” गाने पर ठुमकती नजर आई थी और लोगों का दिल जीत लिया था. हालांकि उसके बाद उन्हें कोई बहुत बड़ी सफलता नहीं मिली है. शास्त्रीय नृत्य से जुड़ी, और अध्यात्म की ओर अग्रसर ग्रेसी सिंह ने कृष्ण जन्माष्टमी से पहले ही कृष्ण लीला पर शास्त्रीय नृत्य किया और हर किसी को कृष्णमय कर दिया.

कृष्ण लीला पर किया नृत्य
मौका था इस्कॉन टेंपल में जन्माष्टमी उत्सव का जिसमें कृष्ण लीला और कृष्ण कथाओं को अपने नृत्य के द्वारा ग्रेसी सिंह ने प्रस्तुत किया. ग्रेसी सिंह का कहना है कि कृष्ण रासलीला, नृत्य और संगीत से वह हमेशा से ही जुड़ी रही हैं और जैसा कि हम सभी जानते हैं कि रासलीला को अस्तित्व में लाने वाली श्री कृष्ण नहीं है, ऐसे में नृत्य से बेहतर कृष्ण आराधना हो ही नहीं सकती. ग्रेसी का यह भी कहना है कि नृत्य करते वक्त उन्हें ऐसा लगा कि साक्षात कृष्ण उनके साथ नृत्य कर रहे हैं साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे मौकों पर एक अलग ही आनंद मिलता है और पॉजिटिविटी का एहसास होता है खुद को बेहद खुशकिस्मत मानती हैं कि जन्माष्टमी उत्सव में इस तरह की परफॉर्मेंस करने का मौका उन्हें मिला.

काफी मुश्किल डांस किया ग्रेसी ने
आगे ग्रेसी सिंह कहती है कि यह शो विशेष रूप से कठिन था क्योंकि आमतौर पर उनका प्रदर्शन 1 घंटे का होता था लेकिन यह शो 2 घंटे का था, जिसमें उन्होंने भरतनाट्यम ,कत्थक मणिपुरी और बैले शैलियों के नृत्य का कंपोजीशन किया था ,जो कि चुनौतीपूर्ण था. मथुरा से सांसद और कृष्ण लीला ,रासलीला में शास्त्रीय नृत्य करने वाली हेमा मालिनी भी इस कार्यक्रम को देखने पहुंची थी उन्हें भी कार्यक्रम अच्छा लगा.

ग्रेसी ने किया कई फिल्मों में काम
ग्रेसी सिंह हालांकि फिल्म लगान के बाद कई फिल्मों का हिस्सा रही लेकिन उन्हें सफलता प्राप्त नहीं हुई. इस्कॉन के 40 वर्ष के कार्यक्रम में कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के दौरान ग्रेसी सिंह ने परफॉर्मेंस की. आध्यात्म की तरफ बढ़ रही ग्रेसी अब इस तरह की परफॉर्मेंस और शो करती नजर आती है.

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