EVM-VVPAT पर विपक्ष को झटका, सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से विपक्ष को झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायाल ने आज ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान को लेकर विपक्ष के द्वारा दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका को टीडीपी और कांग्रेस सहित 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया था। इन दलों की मांग थी कि 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की ईवीएम से मिलान का आदेश चुनाव आयोग को दिया जाए। सुनवाई के लिए चंद्रबाबू नायडू, डी. राजा, संजय सिंह और फारूक अब्दुल्ला अदालत में मौजूद थे।

इसके लिए टीडीपी और कांग्रेस सहित 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इन दलों की मुख्य मांग है कि 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की ईवीएम से मिलान का आदेश चुनाव आयोग को दें।
गत माह में सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच बूथ के ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने मानते हुए लोकसभा चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट के मिलान को पांच गुना बढ़ा दिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र मे 5 वीवीपैट का ईवीएम से मिलान होगा। अभी सिर्फ एक का वीवीपैट मिलान होता था।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), शरद पवार (एनसीपी), फारूक अब्दुल्ला (एनसी), शरद यादव (एलजेडी), अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी), अखिलेश यादव (सपा), डेरेक ओ’ब्रायन (टीएमसी) और एम. के. स्टालिन (डीएमके) की ओर से दायर की गई हैं। याचिका में उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि ईवीएम के 50 फीसदी नतीजों का आम चुनावों के परिणाम की घोषणा किए जाने से पहले वीवीपैट के साथ मिलान किया जाना चाहिए या दोबारा जांच की जानी चाहिए।

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