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श्रद्धालुओं का इंतजार खत्म, जयकारों के बीच खुले केदारनाथ धाम के कपाट

केदारनाथ। भोलेबाबा के जयकारों के बीच आज गुरुवार को उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए। पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण के बाद पूरे विधि-विधान के साथ पट खोले गए। इस दौरान ऊखीमठ से लाई गई भगवान की गद्दी को दोबारा मुख्य मंदिर में प्रतिष्ठापित किया गया। अब हमेशा की जैसे छह महीने तक शिव की पूजा-अर्चना की जाएगी।

मंदिर परिसर की फूलों और रोशनी से सजावट की गई। हालांकि केदार धाम में फिलहाल बर्फ की मोटी चादर बिछी दिख रही है। यहां काफी ठंड है। उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट मंगलवार को अक्षय तृतीया पर खोल दिए गए थे, जिसके साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो गई। अब गढ़वाल हिमालय के चार धामों के नाम से प्रसिद्ध एक अन्य धाम बदरीनाथ के कपाट 10 मई यानी शुक्रवार को खुलेंगे।

इससे पहले 6 मई को केदारनाथ के कपाट खुलने की प्रक्रिया के तहत शीतकालीन गद्दीस्थल से भगवान श्री केदारनाथजी की चल विग्रह पंचमुखी मूर्ति ने प्रस्थान किया था। बदरीनाथ और केदारनाथ के बारे में कथा प्रचलित है कि शीतकाल में जब मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं तो मंदिर में पूजा की जिम्मेदारी देवताओं की रहती है यानी इस समय देवतागण भगवान बदरीनाथ और केदारनाथ की पूजा करते हैं।

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