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ब्रह्म मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खुले बदरीनाथ के कपाट

चार धामों में से एक बदरीनाथ के कपाट आज सुबह ब्रह्ममुहूर्त में विधि-विधान के साथ खोल दिए गए है। बीत 17 मई को केदारनाथ के कपाट खोले गए थे। कोरोना काल के कारण श्रद्धालुओं के लिए चार धाम की यात्रा फिलहाल स्थगित कर दी गई है। स्थानीय जिलों के निवासी तक भी मंदिरों में नहीं जा सकेंग। हालांकि देश भर के लाखों श्रद्धालु फिर भी बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे।

बदरीनाथ धाम के कपाट ब्रह्म बेला पर 4 बजकर 15 मिनट पर विधि-विधान और वेद मंत्रोच्चार के बीच खोल दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण के चलते इस अवसर पर सिर्फ मुख्य पुजारी, वेदपाठियों के अलावा देवस्थानम बोर्ड के कुछ कर्मचारी ही मौजूद रहे।

बदरीनाथ को बदरी विशाल भी कहा जाता है और वहां पर भगवान विष्णू की पूजा होती है। आदि शंकराचार्य ने इस धाम की स्थापना की थी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर ऋषि कपिल मुनि, ऋषि गौतम और ऋषि कश्यप, ने तपस्या की है तथा भक्त नारद को इसी स्थान पर मुक्ति प्राप्त हुई थी।

देश की राजधानी दिल्ली से यह स्थान लगभग 528 किलोमीटर दूर है और हरिद्वार तथा ऋषिकेश होते हुए वहां पहुंचा जा सकता है। केदारनाथ से बदरीनाथ के बीच की दूरि 229 किलोमीटर है।

उत्तराखंड सरकार ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि इस साल चारधाम यात्रा के लिए किसी को भी अनुमति नहीं है। स्थानीय जिलों के निवासी भी मंदिरों में नहीं जा सकेंगे। चारों धामों के श्रद्धालुओं को वर्चुअल दर्शन हेतु देवस्थानम बोर्ड को कहा गया है। गढ़वाल आयुक्त एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि कि श्रद्धालुओं को वर्चुअल माध्यम से दर्शन हो इसके लिए वेबसाइट तथा अन्य माध्यमों को अपडेट किया जा रहा है।

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