अनंत चतुर्दशी आज, ऐसे करें भगवान विष्‍णु के अनंत रूप में पूजा

नई दिल्ली: अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) आज (12 सितंबर) को है. भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्‍णु के अनंत रूप में पूजा की जाती है. भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का दूसरा नाम अनंत देव है. अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस (Anant Chaudas) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन बप्पा (Lord Ganesha) का विसर्जन भी किया जाता है, ऐसे में अनंत चतुर्दशी का महत्व बढ़ जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को 14 सालों तक लगातार करने पर विष्णु लोक की प्राप्ति होती है.

अनंत चतुर्दशी पूजा विधि
सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें और व्रत का संकल्प लें.
इसके बाद मंदिर में भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप को याद करते हुए कलश की स्थापना करें.
कलश स्थापित करने के बाद इसके ऊपर अष्ट दल वाला कमल रखें और कुषा चढ़ाएं.
भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. भगवान विष्णु के सामने 14 गांठों वाला धागा रखें और उसके साथ भगवान विष्णु की पूजा आरंभ करें.
भगवान विष्णु का अभिषेक करें और रोली, चंदन से तिलक करें.
तिलक करने के बाद धूप, दीप से भगवान की आरती करें और नैवेद्य अर्पित करें.
नैवेद्य अर्पित करते समय ‘ॐ अनंताय नमः’ मंत्र का जाप करें.
पुष्प हाथ में लें और भगवान विष्णु की कथा सुनें.
इसके बाद पूजा में चढ़ाया गया रक्षासूत्र पुरुष और महिलाएं अपने-अपने बाएं हाथ में बांध लें.
रक्षा सूत्र बांधते समय भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप का ध्यान करें और अंत में ब्रह्मणों को भोजन कराएं.
सामर्थ्य अनुरूप दान दें और ब्राह्मणों को विदा करें.

ये है मान्यता
मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा करता है और जो भी स्त्रियां और पुरुष बाएं हांथ में अनंत सूत्र पहनता है. भगवान विष्णु उसके सारे कष्ट दूर करते हैं और सभी परेशानियां दूर करते हैं. वहीं चतुर्थी से शुरू होने वाला गणेश उत्सव भी आज के दिन समाप्त हो जाता है. कई लोग इस दिन घर में भगवान सत्यनारायण की कथा भी कराते हैं.

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