पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को पूछताछ के लिए मिला CBI का समन

सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को मौखिक समन भेजा है. उन्हें एजेंसी ने 27 और 28 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा गया है. इस संबंध में सीबीआई ने फिलहाल पुष्टि नहीं की है.

एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर में दो प्रोजेक्ट में गड़बड़ियों को लेकर केस दर्ज किया था. इसी मामले में सीबीआई ने उन्हें बुलाया है. मलिक ने दावा किया था कि उन्हें दो फाइल साइन करने के लिए 300 करोड़ का ऑफर मिला था. सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में भी उनसे पूछताछ की थी.

सत्यपाल मलिक ने कहा कि सीबीआई कुछ स्पष्टीकरण चाहते हैं, जिसके लिए मेरी उपस्थिति चाहते हैं. मैं राजस्थान जा रहा हूं, इसलिए मैंने उन्हें 27 से 29 अप्रैल की तारीख दी हैं. जब मैं उपलब्ध रहूंगा. उन्होंने ट्वीट करके लिखा कि मैंने सच बोलकर कुछ लोगों के पाप उजागर किए हैं. शायद, इसलिए बुलावा आया है. मैं किसान का बेटा हूं, घबराऊंगा नहीं. सच्चाई के साथ खड़ा हूं.

क्या है मामला ?

सत्यपाल मलिक को 2018 में बतौर राज्यपाल जम्मू-कश्मीर भेजा गया था. मलिक के कार्यकाल में ही केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया था. इसके बाद उन्हें बतौर राज्यपाल मेघालय भेज दिया गया था. लेकिन इस बीच उन्होंने दावा किया था कि उन्हें 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी.

उन्होंने कहा था कि कश्मीर जाने के बाद उनके पास मंजूरी के लिए दो फाइलें आई थीं. इनमें से एक फाइल अंबानी की और दूसरी आरएसएस से जुड़े व्यक्ति की थी, जो पिछली महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री थे और प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) का बहुत करीब होने का दावा करते थे.

मलिक ने कहा था कि मुझे दोनों विभागों के सचिवों द्वारा सूचित किया गया था कि ये एक घोटाला है और मैंने उसके अनुरूप ही दोनों डील्स को रद्द कर दिया था.

मलिक ने यह भी बताया था कि सचिवों ने उनसे कहा था कि आपको हर फाइल को पास करने के लिए 150 करोड़ रुपये मिलेंगे.

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