ICICI Bank मामले में वेणुगोपाल धूत को मिली जमानत

ICICI Bank Fraud Case में वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत को अंतरिम जमानत मिल गई है. धूत को पिछले महीने सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने ICICI Bank Fraud मामले में गिरफ्तार किया था. वेणुगोपाल धूत ने मामले को हाईकोर्ट में चैंलेंज दिया था. धूत की इस गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया गया था. अब कोर्ट में मामले को समझते हुए उन्हें जमानत दे दी है.

इससे पहले इसी मामले में जेल में बंद आईसीआईसीआई की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को भी 10 जनवरी को रिहा किया जा चुका है. चंदा कोचर गिरफ्तारी मामले को भी अदालत ने लापरवाही और बिना सोचे-समझे करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से नाराजगी भी जताई थी. सीबीआई ने वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक के ऋण धोखाधड़ी मामले में कोचर दंपति को 23 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था.

क्या है आरोप

इस पूरे मामले में सीबीआई ने चंदा कोचर उनके पति दीपक कोचर और धूत के अलावा दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपॉवर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया था.

2016 में शुरू हुआ खेल

अक्टूबर 2016 में यह सब शुरू हुआ था. अरविंद गुप्ता ICICI बैंक और वीडियोकॉन ग्रुप दोनों में निवेशक थे. उन्होंने लोन देने में गड़बड़ी को लेकर चिंताएं जाहिर की. उन्होंने आरोप लगाया कि चंदा कोचर ने साल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप के नाम पर 3,250 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दी थी. आरोप है कि इस लोन के बदले कंपनी ने NuPower रिन्यूएबल्स के साथ डील की थी, जिसके मालिक चंदा कोचर के पति दीपक कोचर थे.

दरअसल मामले में चंदा कोचर का नाम इसलिए उठाया गया क्योंकि वो समय ICICI Bank की एमडी और सीईओ थीं, हालांकि मामले में पूछताछ के दौरान उनका कहना है कि वीडियोकॉन ग्रुप को लोन स्वीकृत करने का निर्णय गलत था. इस बीच कोचर ने यह कहते हुए अपने पति से खुद को दूर कर लिया कि वह एक स्वतंत्र व्यवसाय चला रहे थे और वह कभी भी दीपक कोचर द्वारा लिए गए किसी भी व्यावसायिक फैसले के लिए निजी या पार्टी नहीं थीं.

News Source Link:

Related Articles

Back to top button