RBI की समयसीमा खत्म होने से पहले 70 NPA एकाउंट का निपटारा करने में जुटे बैंक

आरबीआई ने 70 बड़े NPA एकाउंट (जिन पर डिफॉल्ट हो चुका है) के निपटारे के लिए छह महीने की डेडलाइन तय की थी. यह डेडलाइन 27 अगस्त को खत्म हो रही है. आरबीआई की डेडलाइन खत्म होने से पहले बैंक इन स्ट्रेस्ड एकाउंट के 3.8 लाख करोड़ रुपए का निपटारा करने की कोशिश में लगे हैं.

बैंकों की कोशिश है कि इन एकाउंट का निपटारा वक्त पर कर लिया जाए ताकि डिफॉल्टर कंपनियों के खिलाफ दिवालिया कानून के तहत कार्रवाई की जरूरत ना पड़े. इन डिफॉल्टर कंपनियों में ज्यादातर बिजली कंपनियां हैं.

क्या थी डेडलाइन?

रिजर्व बैंक ने स्ट्रेस्ड एकाउंट के निपटारे के लिए 180 दिन यानी 6 महीने का वक्त दिया था. कुल 70 खातों में बैंकों के कुल 3800 अरब रुपए का कर्ज फंसा है. बैंक ऐसे खातों का निपटारा NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल) से बाहर करना चाहते हैं. असल में NCLT में जाने पर उन्हें कर्ज की रकम के एक बड़े हिस्से से हाथ धोना पड़ सकता है. आलोक इंडस्ट्रीज के मामले में ऐसा ही देखने को मिला था.

क्या था आरबीआई का फरमान?

आरबीआई ने अपने सर्कुलर में बैंकों से कर्ज चुकाने में एक दिन की चूक करने वाली बिजली परियोजनाओं की पहचान करने को कहा था. इसके लिए 180 दिनों का वक्त दिया गया था. यह सर्कुलर एक मार्च से लागू है. इसके 180 दिन की समय सीमा 27 अगस्त को पूरी हो रही है.

आरबीआई ने कहा था अगर सोमवार तक इन खातों का समाधान नहीं हो पाता तो दिवालिया की कार्यवाही शुरू करने के लिए NCLT के पास भेज दिया जाएगा.

एक सरकारी बैंक के कार्यकारी निदेशक ने नाम नहीं बताते हुए कहा, ‘कुछ बैंक कुछ मामलों में समाधान योजनाओं को मंजूरी दे चुके हैं और अन्य मामलों में योजना को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है.’ हालांकि, बैंकरों ने कहा कि कितने खातों को NCLT के पास भेजा जाएगा, इसकी जानकारी सोमवार शाम तक ही हो सकेगी.

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