भारत की 5G तकनीक स्वदेशी, दूसरे देशों के साथ इसे साझा करने के लिए हम तैयार-निर्मला सीतारमण

वाशिंगटन। रक्षा से लेकर विज्ञान तक भारत का आत्मनिर्भर अभियान अपनी रफ्तार से चल रहा है। जहां एक तरफ स्वदेशी हाई क्वालिटी के लड़ाकू विमान बनाए जा रहे हैं। आएलएस विक्रांत बनाया बया। भारत ने यूपीआई- रूपये ( UPI, Rupay Card) बना कर अमेरिका के वीजा और मेस्ट्रो कार्ड को हिला दिया। भारत की ये चीजें किस हद तक दुनिया को प्रभावित कर रही हैं उसका अंदाजा आप इस चीज से लगा सकते हैं कि एनपीसीआई की अंतरराष्ट्रीय शाखा एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) ने यूरोप में एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) और रुपे भुगतान शुरू करने के लिए फ्रांस स्थित डिजिटल भुगतान कंपनी वर्ल्डलाइन के साथ साझेदारी की है। अब भारत ने 5जी की दिशा में भी स्वदेशी हुनर दिखाया है।

भारत ने स्वदेशी स्तर पर विकसित 5जी अवसंरचना शुरू कर दी है और अब वह इसे अन्य देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को यह कहा। जॉन हॉपकिन्स स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘इसकी (भारत की 5जी प्रौद्योगिकी की) कहानी अभी लोगों तक पहुंची नहीं है। हमने देश में जो 5जी सेवा शुरू की है वह पूरी तरह से अपने दम पर की है। यह पूरी तरह से स्वेदशी तकनीक है और जिसे चाहिए उसे (देश को) हम 5जी दे सकते हैं।’

सीतारमण ने कहा, ‘5जी कहीं और से नहीं लाई गई बल्कि यह पूरी तरह से हमारा उत्पाद है।’ उन्होंने कहा कि इसे अभी भारत के चुनिंदा शहरों में शुरू किया गया है और यह 2024 तक पूरे देश में शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘5जी की बात करें तो हम भारत की उपलब्धियों पर गर्व कर सकते हैं।

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