बैंक डूबा तो भी नहीं डूबेगी बैंक में आपकी रकम, 5 लाख रुपये तक जमा को कवर देने की मंजूरी

नई दिल्ली। बैंक के डूबने पर खाताधारकों की गाढ़ी कमाई को सुरक्षित करने के लिये कैबिनेट ने आज जमा बीमा अधिनियम मे संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसकी मदद से ऐसे जमाकर्ताओं को राहत मिलेगी जिन्होंने छोटे बैंकों में अपनी रकम जमा की है। संशोधन की मदद से बैंक के डूबने पर जमाकर्ताओं के 5 लाख रुपये तक इंश्योर्ड रहेंगे और 90 दिन के अंदर वो वापस मिल जायेंगे।

क्या है कैबिनेट का फैसला

क्या मिलेगा फायदा

बिल पर कैबिनेट की मंजूरी से संख्या के आधार पर 98.3 प्रतिशत  खातेधारकों को कवर मिल जायेगा। वहीं जमा मूल्य के आधार पर 50.9 प्रतिशत रकम कवर हो जायेगी। सरकार ने बैंक बंद होने की स्थिति में खातेधारकों को राहत देने के लिये ये फैसला लिया है।

संकटग्रस्त बैंकों के ग्राहकों को फायदा देने के लिये कदम
पिछले साल सरकार ने पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक जैसे संकटग्रस्त बैंकों के जमाकर्ताओं को सहायता देने के लिए जमा राशि पर बीमा आवरण को पांच गुना बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया था। पीएमसी बैंक के डूबने के बाद यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक भी संकट आए, जिनका पुनर्गठन नियामक और सरकार द्वारा किया गया। जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) अधिनियम, 1961 में संशोधन की घोषणा वित्त मंत्री ने आम बजट में की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंत्रिमंडल के इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि इस विधेयक को मौजूदा मानसून सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है। विधेयक के कानून बनने के बाद इससे उन हजारों जमाकर्ताओं को तत्काल राहत मिलेगी, जिन्होंने अपना धन पीएमसी बैंक और दूसरे छोटे सहकारी बैंकों में जमा किया था। मौजूदा प्रावधानों के अनुसार पांच लाख रुपये तक का जमा बीमा तब लागू होता है, जब किसी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है और परिसमापन प्रक्रिया शुरू हो जाती है। डीआईसीजीसी, भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो बैंक जमा पर बीमा आवरण देती है।

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