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जेट एयरवेज की खस्ता हालत,25% जहाज भर रहे हैं उड़ान

आर्थिक संकट से जूझ रही निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज की हालत आने वाले दिनों में और भी खस्‍ता दिखाई दे रही है। जेट के बेड़े में शामिल सिर्फ एक चौथाई विमान ही इस समय उड़ान भर पा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इसे देखते हुए जेट ने 13 अंततराष्‍ट्रीय रूट की उड़ाने अप्रैल तक बंद करने का फैसला किया है। इससे पहले जेट ने 7 विदेशी रूट पर फ्लाइट्स की संख्‍या में कटौती की थी। ये उड़ाने ज्‍यादातर दिल्‍ली और मुंबई से थीं।

जिन रूट पर सेवाएं अप्रैल तक ठप की गई हैं उसमें पुणे-सिंगापुर ( हफ्ते में सात बार) शामिल है। कंपनी ने यह सेवा पिछले साल दिसंबर में ही शुरू की थी। इसके अलावा पुणे-अबूधाबी ( हफ्ते में सात बार) का परिचालन भी अप्रैल तक रोक दिया गया है। इससे पहले जेट एयरवेज़ मुंबइ-मेंचेस्‍टर रूट पर पहले ही सेवाएं बंद कर चुकी है।

आर्थिक संकट से जूझ रहे नरेश गोयल के स्‍वामित्‍व वाली जेट एयरवेज़ एक समय प्रतिदिन 600 फ्लाइट का संचालन करती थी। लेकिन अब सिर्फ एक चौथाई उड़ाने ही भरी जा रही हैं। वहीं 119 विमानों के फ्लीट की सिर्फ एक तिहाई विमानों का ही संचालन संभव हो पा रहा है।

अब तक जेट एयरवेज जिन फ्लाइट को बंद कर चुका है उसमें दिल्‍ली से अबूधाबी ( हफ्ते में 9 बार), दम्‍माम (हफ्ते में 14), ढाका (11), हांगकांग और रियाद  की फ्लाइट 30 अप्रैल तक रोक दी हैं।

इसके अलावा जेट ने बैंगलुरु और सिंगापुर रूट की दिन में दो बार उड़ान की सेवा को भी 30 अप्रैल तक सस्‍पेंड कर दिया है। वहीं मुंबई स अबू धाबी, बहरीन और दम्‍माम की फ्लाइट्स भी 30 अप्रैल तक कैंसिल रहेंगी। वहीं मुंबई से हांगकांग और कोलकाता से ढाका का रूट भी 23 मार्च से 30 अप्रैल तक बंद रहेगा। दिल्‍ली एवं मुंबई से काठमांडु, बैंकॉक, दोहा, कुवैत और सिंगापुर की फ्लाइट संख्‍या में कटौती की गई है।

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