भारत में चुनावी साल में जारी नही रह पायेगी आर्थिक सुधारों की रफ्तार: IMF का अंदेशा

वॉशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने गुरुवार (19 अप्रैल) को कहा कि उन्हें नहीं लगता कि चुनावी साल में भारत में आर्थिक सुधारों की रफ्तार कायम रह पाएगी. अंतरराष्ट्रीय वित्त संगठनों की बैठक के मौके पर संवाददाताओं से बातचीत में लेगार्ड ने कहा, ‘‘हमने इसे देखा और हम इसे देख रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि अगले कुछ महीनों में हम ऐसा देखेंगे. चुनाव आ रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि चुनावी साल में आर्थिक सुधारों की रफ्तार कायम नहीं रह पाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘चाहे आप जीएसटी की बात करें या दिवाला कानून पर सुधारों की, ये अच्छे सुधार हैं. हम और सुधार चाहते हैं चाहे वे बैंकिंग क्षेत्र में हों या किसी अन्य क्षेत्र में.’’

इस साल भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी : आईएमएफ
बीते 17 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने अनुमान जताया था कि 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी, जो 2019 में बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो जाएगी. वहीं इन दो वर्षों के दौरान चीन की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर क्रमश: 6.6 और 6.4 प्रतिशत रहेगी.

आईएमएफ ने अगले दो वर्षों में वैश्विक वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. आईएमएफ का कहना था कि मजबूत रफ्तार, अनुकूल बाजार धारणा के साथ अन्य कारणों से वैश्विक वृद्धि दर बेहतर रहेगी. हालांकि, इसके साथ ही आईएमएफ ने चेताया है कि व्यापार विवादों से भरोसा डगमगा सकता और इससे वृद्धि की रफ्तार पटरी से उतर सकती है.

भारत के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने कहा है कि 2017 में कुछ कारणों से वृद्धि दर में तेज गिरावट के बाद अब स्थिति सुधर रही है. भारत 2018 और 2019 में एक बार फिर से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा. आईएमएफ ने अपने ताजा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. वहीं उसका अनुमान है कि 2019 में यह और बढ़कर 7.8 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी.

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