बीजेपी की लोकसभा चुनावों की तैयारी, 543 सीटों पर करेगी विस्तारकों की तैनाती

Delhi news: बीजेपी की लोकसभा चुनावों की तैयारी, 543 सीटों पर करेगी विस्तारकों की तैनाती

New Delhi: भाजपा ने देश की सभी 543 लोकसभा सीटों पर विस्तारकों की तैनाती करने का फैसला किया है। इसके लिए पार्टी आलाकमान ने राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल के नेतृत्व में 10 नेताओं की एक समिति का भी गठन किया है। पार्टी के ये 10 नेता अलग-अलग राज्यों में विस्तारकों का चयन कर उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था करेंगे। इसके बाद उन्हें अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए तैनात कर दिया जाएगा। 10 नेताओं की यह समिति देशभर में विस्तारकों के नियोजन का दायित्व संभालेगी और केंद्रीय स्तर पर पार्टी के महासचिव सुनील बंसल(General Secretary Sunil Bansal)  को रिपोर्ट करेगी। सूत्रों के मुताबिक, विस्तारक योजना का संयोजक उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा(Dinesh Sharma)  को बनाया गया है जबकि सह संयोजक का दायित्व बिहार भाजपा के संगठन महासचिव भीखू भाई दलसानिया और राजकुमार शर्मा को सौंपा गया है।
प्रदेश स्तर पर भी अलग-अलग नेताओं के नेतृत्व में टीम बनाई जाएगी। ये विस्तारक अपने-अपने लोकसभा क्षेत्रों की रिपोर्ट प्रदेश के संयोजक को देंगे, जो इसे राष्ट्रीय टीम तक आगे बढ़ाने का काम करेंगे। भाजपा ने यह योजना बनाई है कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र , पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में सभी विस्तारकों का चयन, प्रशिक्षण और तैनाती का कार्य एक दिसंबर तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए और वहीं छोटे राज्यों में इस काम को हर हाल में एक जनवरी तक संपन्न कर लिया जाए।
आपको बता दें कि भाजपा ने पहले यह तय किया था कि वह अपने लिहाज से कमजोर मानी जाने वाली देश की 160 लोकसभा सीटों पर चुनाव की घोषणा से पहले ही विस्तारकों की तैनाती कर देगी, बाद में इसकी संख्या में इजाफा होता चला गया और अब भाजपा ने देश की सभी 543 लोकसभा सीटों पर विस्तारकों की तैनाती का फैसला कर लिया है।
दरअसल, भाजपा के विस्तारक पार्टी के ऐसे कार्यकर्ता होते हैं, जिन्होंने लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या इससे जुड़े किसी संगठन के साथ स्वयंसेवक एवं पूर्णकालिक कार्यकर्ता के तौर पर काम किया हो और वर्तमान में भाजपा के साथ जुड़े हो। यह माना जाता है कि संघ के बैकग्राउंड और पूर्णकालिक कार्यकर्ता होने के कारण यह वास्तविक जमीनी हालात का फीडबैक संगठन तक पहुंचा सकते हैं।

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