Bhanu Saptami 2024: भानु सप्‍तमी पर ऐसे करें भगवान सूर्य की आराधना, बढ़ेगा मान-सम्‍मान

Bhanu Saptami 2024: भानु सप्‍तमी पर ऐसे करें भगवान सूर्य की आराधना, बढ़ेगा मान-सम्‍मान

Bhanu Saptami 2024: मार्गशीर्ष माह के शुक्‍ल पक्ष की सप्‍तमी को भानु सप्‍तमी मनायी जाती है। भानु सप्‍तमी के दिन भगवान सूर्य की पूज करने से व्‍यक्ति को जीवन में सफलता, अच्‍छा स्‍वास्‍थ्‍य और सुख-समृद्धि मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि भानु सप्‍तमी को सूर्य देव की आराधना से हर क्षेत्र में सफलता और प्रसिद्धी मिलती है।

भानु सप्तमी को रथ सप्तमी और अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन व्रत रखने से इंसान को आरोग्‍य की प्राप्ति होती है।

Bhanu Saptami 2024: कब है भानु सप्‍तमी

हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 07 दिसंबर को रात 11 बजकर 05 मिनट से होगी और इस तिथी का  समापन 08 दिसंबर को सुबह 9 बजकर 44 मिनट पर होगा। चूंकि हिंदू धर्म में उदया तिथी के समय जो तिथी रहती है, उसको पूरा दिन माना जाताहै। इसलिए भानु सप्तमी का व्रत 08 दिसंबर को रखा जाएगा।

इस दिन पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 01 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 33 मिनट तक है।

Bhanu Saptami 2024: ऐसे करें भगवान सूर्य की आराधना

भानु सप्‍तमी के दिन भगवान सूर्य की आराधना करने का दिन है। इस दिन ब्रहममुहूर्त में उठकर जल से स्‍नान करें। उसके पश्‍चात स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें। तांबे के पात्र में जल, लाल पुष्प, लाल चंदन और अक्षत डाल कर सूर्य देव को जल दें और उन्हें गुड़ या उससे बनी मिठाई का भोग लगाएं। भगवान सूर्य को जल देते समय “ऊँ घृणि सूर्याय नम:”  अथवा “ऊँ सूर्याय नम:” सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए।

इसके बाद सूर्य चालीसा और आदित्य हृदय स्तोत्र” का पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति संभव होती है।

Bhanu Saptami 2024: पूजा के मिलते हैं ये लाभ

भानु सप्तमी पर सूर्य भगवान की पूजा करने से रोगी व्यक्ति को असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है, और वो दीर्घायु होता है। इस दिन सूर्य देव को जल अर्पित करने से बुद्धि व व्यक्तित्व का विकास होता है, मानसिक शांति मिलती है, और स्मरण शक्ति अत्यंत तीव्र होती है। पूजा-पाठ संपन्न करने के बाद भानु सप्तमी पर दान-पुण्य करने से घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होगी।

इस दिन सच्चे मन से सूर्य आराधना करने वाले जातकों के सभी सांसारिक कष्ट दूर होते हैं, और मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Bhanu Saptami 2024: इन चीजों का करें दान

भानु सप्तमी  के दिन गुड़, चावल, गेहूं, तांबा, माणिक्य रत्न, लाल पुष्प, आदि चीजों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन गरीबों को खाना खिलाने से भी सूर्य देव की कृपा मिलती है। मान्यता है कि इस दिन अगर इन चीजों का दान किया जाए तो आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा व्यक्ति को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।

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Bhanu Saptami 2024: भानु सप्तमी की व्रत कथा

भानु सप्तमी पर्व के बारे में प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार किसी समय में इंदुमती नाम की एक वेश्या हुआ करती थी। वेश्यावृत्ति में लिप्त होने के कारण उसने अपने जीवन में कोई भी धर्म कर्म आदि नहीं किए थे। एक दिन उसने वशिष्ठ ऋषि से पूछा- ऋषि श्रेष्ठ! मैने अपने अब तक के जीवन में कोई पुण्य कार्य नहीं किया है, परंतु मेरी ये अभिलाषा है कि मरणोपरांत मुझे मोक्ष की प्राप्ति हो! यदि मुझ वैश्या को किसी युक्ति से मोक्ष मिल सकता है तो वो उपाय बताने की कृपा करें ऋषिवर।

इंदुमती की ये विनती सुनकर ऋषि वशिष्ठ ने भानु सप्तमी का महात्म्य बताते हुए कहा- स्त्रियों को सुख, सौभाग्य, सौंदर्य एवं मोक्ष प्रदान करने वाला एक ही व्रत है, भानु सप्तमी या अचला सप्तमी। इस सप्तमी तिथि पर जो स्त्री व्रत रखती है और विधि-विधान से सूर्य देव की आराधना करती है, उसे उसकी इच्छानुसार पुण्यफल प्राप्त होता है।

वशिष्ठ जी आगे बोले- यदि तुम इस जीवन के उपरांत मोक्ष पाना चाहती हो तो सच्चे मन से ये व्रत व पूजन अवश्य करना! इससे तुम्हारी मनोकामना पूर्ण होगी। ऋषि वशिष्ठ से भानु सप्तमी का महात्म्य सुनकर इंदुमती ने इस व्रत का पालन किया, जिसके फलस्वरूप प्राण त्यागने के बाद उसे जन्म मरण के चक्र से मुक्ति मिल गई, और स्वर्ग में इंदुमती को अप्सराओं की नायिका बनाया गया। इसी मान्यता के आधार पर आज भी जातक इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं।

Bhanu Saptami 2024: इन बातों का रखें ध्‍यान

  • भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देते समय तांबे के लोटे का उपयोग करें।
  • सूर्य देव को लाल रंग के फूल और फल अति प्रिय होते हैं। आप उन्हें इस दिन लाल रंग के फूल और फल अर्पित करें।
  • भानु सप्तमी पर सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए आप गेहूं और गुड़ का दान कर सकते हैं।

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