कंपनियों ने आधार के लिए डाला दबाव तो लगेगा 1 करोड़ तक का जुर्माना, होगी 10 साल की सजा

आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. अब बैंक खाता खुलवाने या सिम कार्ड लेने के लिए आपको आधार कार्ड देने की जरूरत नहीं होगी. यह आपकी इच्छा पर होगा कि आप आधार देना चाहते हैं या नहीं. अगर इसके बाद भी कंपनियां आपसे पहचान और पता के लिए आधार कार्ड की मांग करती हैं तो उनपर 1 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसके साथ ही 3 साल से लेकर 10 साल की जेल की सजा का भी प्रावधान है.

इसका मतलब हुआ कि अब आप बैंक खाता खोलने या सिम कार्ड लेने के लिए राशन कार्ड, पासपोर्ट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. अब आधार कार्ड के लिए कंपनियां आप पर दबाव नहीं बना सकती हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारतीय टेलिग्राफ एक्ट और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में संशोधन कर इस नियम को शामिल किया गया है. सोमवार को केंद्र सरकार एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी थी. आधार कार्ड पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह निर्णय लिया गया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि आधार केवल कल्याणकारी योजनाओं के लिए ही अनिवार्य है.

आधार की बायोमेट्रिक सुरक्षित है और इलेक्ट्रॉनिक ऑथेंटिकेशन प्रोसेस के जरिए कोई भी कंपनी इस तक पहुंच नहीं सकती है. लेकिन अगर कोई कंपनी इसके गलत इस्तेमाल का कोशिश करती है तो उस पर 50 लाख का जुर्माना और 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है.

ऑथेंटिकेशन के लिए जानकारी जुटाने से पहले सहमति नहीं लेने की स्थिति में 10 हजार रुपए का जुर्माना और तीन साल की जेल की सजा का प्रावधान है. यह नियम क्यूआर कोड के माध्यम से ऑफलाइन ऑथेंटिकेशन पर भी लागू होता है. आईडी या तस्वीर के अनअथॉराइज्ड पब्लिकेशन पर 10 हजार से 1 लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है.

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