विधानसभा चुनाव: 15 साल के बाद ‘पंजे’ की पकड़ में मध्य प्रदेश, ‘शिव’ का ‘राज’ खत्म!

भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए ताजा रुझान आने तक 119 सीटें जीत ली हैं। इस तरह राहुल गांधी की पार्टी ने 15 साल बाद भारतीय जनता पार्टी को सूबे की सत्ता से बेदखल कर दिया है। वहीं, लगातार 3 बार से 13 साल तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान का एक बार फिर सत्ता के शीर्ष पर कायम रखने का सपना चकनाचूर हो गया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस नेताओं की एकजुटता के साथ-साथ किसानों और युवाओं की नाराजगी, व्यापम घोटाला और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दे भाजपा की तैयारियों पर भारी पड़ गए।

इन विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर रही। मतगणना के दौरान बाजी कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा के हाथ लगती रही, लेकिन अंत में ‘पंजे’ ने ‘कमल’ को उखाड़ ही लिया। ताजा रुझानों के मुताबिक सूबे में कांग्रेस 119 जबकि भाजपा 100 सीटों पर आगे थी। वहीं, अन्य ने भी 11 सीटों पर बढ़त बरकरार रखी थी। आपको बता दें कि अन्य में बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी औक गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जैसे दल शामिल हैं।

यूं जीत की नाव पर सवार हुई कांग्रेस
माना जा रहा है कि शिवराज सरकार को युवाओं और किसानों की नाराजगी भारी पड़ गई। यह सही है कि शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काफी सुधार किया था, लेकिन किसानों और बेरोजगारों की नाराजगी को दूर करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा पाई थी। साथ ही हाल के समय में महिला सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा था। कांग्रेस इन सभी मुद्दों को भुनाने में कामयाब रही और उसने भगवा पार्टी को मात देकर 15 सालों से चला आ रहा अपना वनवास खत्म कर दिया।

2003 से लगातार लहरा रहा था भगवा
कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह लगातार 10 साल तक मुख्यमंत्री रहने के बाद 2003 में सत्ता से बाहर हुए थे। उसके बाद से भाजपा चुनाव दर चुनाव जीतती रही और सत्ता कांग्रेस के हाथों से दूर ही रही। कई बार माना गया कि इसके लिए अन्य मुद्दों के साथ-साथ कांग्रेस नेताओं की आपसी सिर-फुटौव्वल भी जिम्मेदार है। यही वजह है कि इस बार कांग्रेस के सभी बड़े नेता एकजुट दिखाई दिए, और अंत में उन्हें इसका फल भी मिला।

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