CAA के विरोध में जामिया में मां-बेटियों का धरना, PM और दिल्ली पुलिस के खिलाफ लगाए नारे

नई दिल्ली। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय कैंपस के गेट पर रविवार को कई महिलाओं ने अपनी छोटी बच्चियों के साथ धरना दिया। छोटी बच्चियां अपनी माताओं के साथ नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करने यहां पहुंची थीं। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाली इन महिलाओं में से कई जामिया की पूर्व छात्राएं भी थीं। रविवार सुबह जामिया विश्वविद्यालय के गेट नंबर-7 पर ये महिलाएं अन्य सभी प्रदर्शनकारियों से पहले पहुंचीं।

जामिया की पूर्व छात्रा आयशा ने बताया कि वे अपनी 9 साल की बेटी रेहाना को साथ लेकर आई हैं, ऐसा इसलिए ताकि रिहाना को भी ऐसे गंभीर मुद्दे की जानकारी व संघर्ष का साहस मिल सके। अपना विरोध दर्ज कराने पहुंची लगभग सभी महिलाओं के साथ उनके छोटे बच्चे भी थे। इन बच्चों की उम्र महज 3 से 10 साल के बीच थी। प्रदर्शन में आई सोफिया नाम की एक अन्य महिला ने बताया कि वे अपनी 3 और 6 साल साल की दो छोटी बच्चियों के साथ यहां आई हैं।

महिलाएं जहां नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जमकर नारेबाजी करती रहीं, वहीं बच्चियों ने अपनी माताओं का साथ देने के लिए अपने नन्हें हाथों में सीएए व एनआरसी विरोधी पोस्टर थाम रखे थे। महिलाओं के समूह ने पीएम मोदी, दिल्ली पुलिस, सीएए व एनआरसी के खिलाफ नारेबाजी की। मां बेटियों की इन दर्जनों जोडिय़ों ने खुली सडक़ पर करीब 3 घंटे तक अपना धरना जारी रखा।

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