मोदी सरकार ने शिवाजी के वंशज को दिया जमीन बेचने की अनुमति का प्रलोभन: राकांपा

मुंबई। छत्रपति शिवाजी के वंशज उदयनराजे भोसले द्वारा राकांपा छोड़कर भाजपा में शामिल होने पर शरद पवार की अगुवाई वाली पार्टी ने आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार राजघराने को यह वादा करके ‘प्रलोभन’ दे रही थी कि उन्हें अपनी पूर्ववर्ती रियासत की जमीन बेचने की इजाजत दी जाएगी। इससे पहले दिन में भोसले दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित कई वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए।

इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि यह भाजपा के लिए खुशी की बात है कि मराठा छत्रपति के वंशज पार्टी में शामिल हुए हैं और इस बात पर जोर दिया कि भोसले की उपस्थिति से आगामी विधानसभा चुनावों में मदद मिलेगी। भोसले सतारा से सांसद थे और भाजपा में शामिल होने के लिए उन्होंने अपनी लोकसभा की सदस्यता छोड़ दी।

उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून के मुताबिक पूर्ववर्ती रियासतों की जमीन को बेचा नहीं जा सकता है। राकांपा नेता ने कहा, “भाजपा सरकार राजघरानों को ये लालच देकर अपनी पार्टी में शामिल कर रही है कि उन्हें उक्त जमीन बेचने की इजाजत दी जाएगी। हम ऐसे किसी निर्णय का विरोध करेंगे।”

पूर्ववर्ती सतारा रजवाड़े की स्थापना अंग्रेजों ने 1818 में तीसरे आंग्ल-मराठा युद्ध के बाद की थी और 1849 में उत्तराधिकार कानून का इस्तेमाल करते हुए उसे हड़प लिया। इस रजवाड़े का शासन छत्रपति शिवाजी के वंशजों के पास था। सतारा लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से इस समय राकांपा के पास चार सीटें हैं, जबकि कांग्रेस और शिव सेना के पास एक-एक सीट है।

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