8 अगस्त तक ED की हिरासत में रहेंगे संजय राउत, अदालत ने सुनाया फैसला

मुंबई की अदालत ने शिवसेना के सांसद संजय राउत की मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी है। दरअसल, आज ED ने शिवसेना नेता संजय राउत को PMLA कोर्ट में पेश किया था और 10 अगस्त तक की कस्टडी मांग की थी। ED  का कहना था कि संजय राऊत जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए सोमवार तक उनकी कस्टडी दी जाय। हमें कुछ और महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच करने की जरूरत है। जो अलीबाग में जमीन के लेन-देन से जुड़े हैं।साल 2007 में एक जमीन पर टिन के चॉल में 500 से ज्यादा परिवार रहते थे। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी (GACPL) से यहां फ्लैट्स बनाने का करार किया। इस कंपनी के साथ हुए समझौते के अनुसार, इस जमीन पर 3,000 फ्लैट बनने थे। इसमें से 672 फ्लैट वहां चॉल में रहने वाले लोगों को दिए जाने थे। करार में यह स्पष्ट तरीके से कहा गया था कि यहां फ्लैट बनाने वाली कंपनी को इस जमीन बेचने का अधिकार नहीं होगा। लेकिन आरोप है कि कंपनी ने समझौते का उल्लंघन करते हुए इस जमीन को 9 अलग-अलग बिल्डर्स को 1,034 करोड़ में बेच दिया। कंपनी ने जमीन को बेंच तो दिया लेकिन फ्लैट एक भी नहीं बना।

संजय राउत ​की गिरफ्तारी में 4 किरदार अहम है। ये किरदार प्रवीण राउत, माधुरी राउत, सुजीत पाटकर और स्वप्ना पाटकर हैं। दरअसल एक हजार करोड़ के घोटाले की सबसे पहले जानकारी PMC बैंक घोटाले की जांच के दौरान सामने आई। उसके बाद बैंक मनी ट्रेल को खंगालते हुए ED यानी प्रवर्तन निदेशालय प्रवीण राउत, उनकी पत्नी माधुरी तक पहुंची। माधुरी के बैंक अकाउंट से संजय राउत की पत्नी के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किये गए थे। लेकिन संजय राउत को पूछताछ के लिए बुलाने से पहले ED की टीम लगातार कई दौर की पूछताछ के बाद  प्रवीण राउत को गिरफ्तार कर चुकी थी। अब बारी माधुरी प्रवीण की पत्नी और संजय राउत की पत्नी की थी। इसी जांच के दौरान संजय राउत की पत्नी का भी बयान लिया गया। तब सुजीत पाटकर और स्वप्ना पाटकर का नाम सामने आया।

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