25 दिसंबर को सम्मान निधि की किश्त जारी करेंगे PM मोदी, 9 करोड़ किसानों को होगा फायदा

नई दिल्ली. कृषि कानूनों (Agriculture Reform Laws 2020) के विरोध में दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर पिछले एक महीने से जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 25 दिसंबर को पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) के तहत वित्तीय लाभ की अगली किश्त जारी करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बुधवार को ये जानकारी दी गई. प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट के माध्यम से बताया कि प्रधानमंत्री 9 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित करेंगे.

पीएमओ की ओर से जानकारी दी गई कि आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री 6 अलग-अलग राज्यों के किसानों के साथ बातचीत भी करेंगे. इस बातचीत में वह किसान कल्याण के लिए सरकार द्वारा की गई विभिन्न अन्य पहलों को लेकर किसानों के साथ अपने अनुभव साझा करेंगे. इस बातचीत के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहेंगे.

कृषि कानूनों को लेकर जारी है किसानों का प्रदर्शन
बता दें पीएम मोदी किसान सम्मान निधि की ये किश्त ऐसे समय जारी करने जा रहे हैं जब पंजाब और हरियाणा के आंदोलनकारी किसान पिछले करीब एक महीने के प्रदर्शन कर सरकार से नए कृषि सुधार कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ताएं भी हो चुकी हैं लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका है. किसानों का कहना है कि सरकार इन कानूनों को पूरी तरह से वापस ले जबकि सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों की भलाई के लिए हैं और इस पर किसानों को बातचीत करनी चाहिए.

इस संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को जोर दिया कि नए कृषि सुधार कानून भारतीय कृषि के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत करेंगे और कहा कि सरकार अभी भी प्रदर्शन कर रही यूनियनों के साथ विवाद के सभी मुद्दों पर चर्चा जारी रखने की इच्छुक है. मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ की हड्डी है और नरेंद्र मोदी सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.किसान नए कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग मनवाने के लिए अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहे हैं. इस संदर्भ में किसान संगठन ब्रिटेन के सांसदों को पत्र लिखकर आग्रह कर रहे हैं कि वे अपने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत आने से रोकें.

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