सरकार ने गैस की कीमत बढ़ाई, रसोई गैस होगी महंगी, CNG के भी बढ़ेंगे दाम

नई दिल्ली: सरकार ने प्राकृतिक गैस के दाम 6 फीसदी बढ़ा दिए हैं. सरकार के इस कदम से सीएनजी और खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाली गैस पीएनजी महंगी होगी. इसके अलावा बिजली और यूरिया उत्पादन की लागत बढ़ जाएगी. घरेलू क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस का दाम अब 2.89 डालर प्रति एमबीटीयू से बढ़कर 3.06 डालर प्रति एमबीटीयू हो गया है. यह दो साल में उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. इससे सीएनजी और रसोई गैस के भाव ऊंचे होंगे. यह वृद्धि एक अप्रैल से छह महीने के लिए की गई है. अभी यह 2.89 डॉलर है.

निर्धारित फॉर्मूले पर आधारित हैं कीमतें
पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार घरेलू फील्ड से उत्पादित अधिकांश प्राकृतिक गैस की कीमत एक अप्रैल से 3.06 डॉलर प्रति इकाई (प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट) होगी. इसके अलावा मुश्किल क्षेत्रों (गहरे समुद्र) से निकलने वाली गैस कीमत की सीमा 7.6 फीसदी बढ़कर 6.78 प्रति एमबीटीयू हो गई है. संशोधित कीमतें सरकार की ओर से निर्धारित फॉर्मूले पर आधारित हैं.

बढ़ सकते हैं सीएनजी के दाम
दाम बढ़ने से ओएनजीसी व रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी गैस उत्पादक कंपनियों की आय बढ़ेगी. साथ ही इससे सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस महंगी होगी. सीएनजी के उत्पादन में प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल कच्चे माल के रूप में किया जाता है. इससे यूरिया व बिजली उत्पादन की लागत भी बढ़ेगी.

कितने बढ़ेंगे सीएनजी, पीएनजी के दाम
साथ ही इससे सीएनजी तथा पाइप के जरिए घरों में पहुंचने वाली रसोई गैस की कीमत क्रमश: 50-55 पैसे तथा 35-40 पैसे प्रति घन मीटर बढ़ेगी. इससे पहले, अक्टूबर 2017-मार्च 2018 की अवधि के लिए गैस कीमत बढ़ाकर 2.89 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट कर दिया गया था. इससे पहले यह 2.48 डालर प्रति इकाई थी.

लगातार दूसरी बार बढ़ाए गए दाम
अमेरिका, रूस और कनाडा जैसे गैस अधशिष वाले देशों में औसत दरों के आधार पर प्राकृतिक गैस की कीमत हर छह महीने बाद निर्धारित की जाती है. भारत अपनी कुल जरूरत का करीब आधा हिस्सा आयात करता है. आयातित गैस की कीमत घरेलू दर के मुकाबले दोगुने से अधिक होती है. यह लगातार दूसरा मौका है जब गैस के दाम बढ़ाए गए हैं. इससे अप्रैल-सितंबर 2016 के बाद गैस की दर उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. उस समय इतनी ही कीमत घरेलू उत्पादकों को दी जाती थी.

साल में दो बार जारी होती हैं दरें
सरकार साल में दो बार प्राकृतिक गैस की दरें जारी करती है. 2016 में, सरकार ने गहरे समुद्र और उच्च दबाव औरप उच्च तापमान वाले क्षेत्रों से गैस के उत्पादकों को मूल्य-निर्धारण की अनुमति दी थी. साथ ही सरकार ने कोयला, एलएनजी, नैफ्था और ईंधन तेल जैसे वैकल्पिक ईंधन से इसकी कीमतें लिंक्ड की हैं. इससे पहले सरकार ने अक्टूबर 2017 से मार्च 2018 के लिए गैस कीमत बढ़ाकर 2.89 डालर प्रति एमबीटीयू कर दी थी.

उत्पादित गैस की कीमत भी बढ़ाई
गहरे पानी, उच्च तापमान जैसे कठिन क्षेत्रों में नए फील्डों से उत्पादित गैस की कीमत सीमा अप्रैल-अक्टूबर 2018 के लिए बढ़ाकर 6.78 डॉलर प्रति इकाई कर दिया गया है. फिलहाल, यह 6.30 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट है. इस वृद्धि से घरेलू गैस आधारित बिजली उत्पादन की लागत करीब 3 प्रतिशत बढ़ेगी.

Related Articles

Back to top button

Deprecated: Directive 'allow_url_include' is deprecated in Unknown on line 0