श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प, एक की मौत

श्रीलंका में आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. पिछले एक महीने से जारी आर्थिक संकट का कोई समाधान निकलता हुआ नहीं दिख रहा है. खाने-पीने की कीमतों में आग लगी हुई है. 500 रुपये से ज्यादा की कीमत पर दूध मिल रहा है. इस बीच लोगों के सब्र का पैमाना टूट रहा है. डेली मिरर की खबर के मुताबिक श्रीलंका में आज दोपहर भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जबर्दस्त झड़प हुई है. इस हिंसक झड़प में एक व्यक्ति की मौत की खबर है जबकि 10 अन्य लोगों के घायल होने की खबर है. यह हिंसक झड़प रामबुकाना में हुई है जहां सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस ने स्वीकार किया है कि हिंसक झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है. दरअसल, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया है. इसके कारण पुलिस को गोली चलानी पड़ी.

10 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे

इस घटना के बाद प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस स्टेशन पर पथराव करना शुरू कर दिया है. श्रीलंका में प्रधानमंत्री महिंद्रा राजापाकक्षे की सरकार से इस्तीफे की मांग की जा रही है. हालांकि राष्ट्रपति गोटाबाया राजापाकक्षे ने अपने परिवार को सभी सदस्यों को मंत्रिमंडल से निकाल दिया है लेकिन अपने भाई महिंद्रा राजपाकक्षे को पीएम पद पर बहाल रखा है. आज श्रीलंका में कई जगहों पर तेल खत्म हो गया जिसके बाद 10 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका की सड़कों पर प्रदर्शन किया है और टायर जलाकर अपना विरोध दर्ज किया. इसी बीच कई जगहों पर पुलिस के साथ झड़प की खबरें हैं.

दिवालिया की कगार पर श्रीलंका
श्रीलंका में अब तक विदेशी लोन के मुद्दे पर आईएमएफ ने कोई निर्णय नहीं लिया है. इसलिए श्रीलंका दिवालिया होने की कगार पर है. भारत ने जो वित्तीय सहायता दी है, उससे देश में आवश्यक चीजों को खरीदा जा रहा है. श्रीलंका भारत की मदद से तत्काल लोन देने के लिए आईएमएफ से मदद की गुहार लगा रहा है. हालांकि आईएमएफ ने भरोसा दिया है कि श्रीलंका को तत्काल वित्तीय मदद की श्रेणी से लोन दिए जाने पर शीघ्रता से विचार किया जा रहा है. श्रीलंका को इसी साल कम से कम 7 अरब डॉलर विदेशी कर्जा चुकाना है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो श्रीलंका को दिवालिया घोषित कर दिया जाएगा. श्रीलंका के उपर कुल 25 अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी कर्जा है.

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