लव जिहाद के खिलाफ फतवा जारी, कहा-लालच देकर या जबरन धर्म बदलवाना इस्लाम में नाजायज

बरेली: कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाए गये अध्यादेश के बाद दरगाह-ए-आला हजरत परिसर स्थित रजवी दारुल इफ्ता से फतवा जारी किया गया है। इसमें साफ कहा है कि लालच देकर या जबरन धर्म परिवर्तन कराना नाजायज है। यह फतवा मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गया। राष्ट्रीय सुन्नी उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना इंतजार अहमद कादरी ने दरगाह आला हजरत परिसर में स्थित मरकज-ए-दारुल इफ्ता के मुफ्तियों से सवाल पूछा, ‘‘क्या कोई मुस्लिम लड़का किसी गैर मुस्लिम लड़की से शादी करने के लिए फरेब यानी धोखाधड़ी करके उसका मजहब बदलवा सकता है? इसके अलावा क्या शरीयत में लव जिहाद का कोई वजूद है?’’

इसके जवाब में दारुल इफ्ता के अध्यक्ष मुफ्ती मुसीबुर्रहमान रजवी ने फतवा दिया है। फतवे में कुरान और शरीयत की रोशनी में कहा गया है कि लालच देकर या जबरन धर्म परिवर्तन कराना नाजायज है। दारुल इफ्ता के उलमा ने प्रदेश सरकार द्वारा गलत तरीके से धर्म परिवर्तन कराये जाने के खिलाफ लाये गये अध्यादेश का समर्थन किया है।

यह फतवा सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। ‘लव जिहाद’ के बारे में पूछे गये सवाल पर फतवे में कहा गया है कि इस्लाम में ऐसी किसी भी चीज की कोई जगह नहीं है, यह सामाजिक बुराई है जो पश्चिमी सभ्यता से फैली है, लव अंग्रेजी शब्द है जबकि जिहाद अरबी का शब्द है व इनका एक दूसरे से संबंध नहीं है, शरीयत की नजर में लव जिहाद की कोई है हैसियत नहीं है।

फतवे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक जिले में दलित परिवार द्वारा अपनी मर्जी से इस्लाम कुबूल करने का उल्लेख किया गया। इस उदाहरण को इस तौर पर माना जा सकता है कि अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करना एतराज के काबिल नहीं है। फतवे में लव जिहाद शब्दों को भी स्पष्ट किया गया है। गौरतलब है कि दरगाह आला हजरत सुन्नी बरेलवी मसलक की अकीदत का मरकज है। इसकी दुनिया भर में अलग पहचान है। यहां से मुसलमानों को विभिन्न विषयों पर मजहबी लिहाज से जानकारी भी दी जाती है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ लाए गए कानून के तहत जो कोई धर्म परिवर्तन करना चाहता/चाहती है, उसे दो महीने पहले डीएम को नोटिस देना होगा। इस नोटिस पर पुलिस जांच-पड़ताल करेगी कि कहीं यह धर्म परिवर्तन जबर्दस्ती, धोखे से या लालच में तो नहीं करवाया जा रहा है। जांच में ऐसी शिकायत नहीं मिलने पर प्रशासन धर्म परिवर्तन की अनुमति देगा। फिर धर्म परिवर्तन होने के बाद इसकी जानकारी प्रशासन को देनी होगी।

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