लखनऊ HC में पेश होगा हाथरस का पीड़ित परिवार, DM और SP को भी बुलाया

लखनऊ (उत्तर प्रदेश): हाथरस में दलित समुदाय की 19 वर्षीय एक युवती के कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत के मामले में पीड़िता के परिजन सोमवार को इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ के समक्ष पेश होंगे। अदालत ने हाथरस के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक समेत उच्‍चाधिकारियों को भी उसके समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिये हैं।

HC ने 1 अक्टूबर को लिया स्‍वत: संज्ञान

अदालत ने एक अक्‍टूबर को हाथरस मामले का स्‍वत: संज्ञान लेते हुए प्रदेश के अपर मुख्‍य सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्‍यवस्‍था), जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को सोमवार को तलब किया। खंडपीठ ने अधिकारियों को मामले से संबंधित दस्‍तावेज लेकर आने को कहा है। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश दिया था।

जिला न्यायाधीश बने नोडल अधिकारी

हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने शनिवार को बताया कि परिजनों को अदालत में पेश करने के मामले में जिला न्यायाधीश को नोडल अधिकारी बनाया गया है। जायसवाल ने बताया कि युवती के परिवार की सुरक्षा का पर्याप्‍त इंतजाम किया गया है। परिवार की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी पुलिस उप महानिरीक्षक शलभ माथुर संभाल रहे हैं।

क्या है हाथरस केस?

गौरतलब है कि हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में गत 14 सितंबर को एक दलित युवती से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और मारपीट की गई थी। इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुई लड़की की बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में गांव के ही रहने वाले चार युवकों को गिरफ्तार किया गया था।

CBI की एंट्री

बता दें कि हाथरस केस अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पास पहुंच गया है। CBI के प्रवक्ता आरके गौड़ ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता ने 14 सितंबर को आरोप लगाया था कि आरोपियों ने बाजरे के खेत में उसकी बहन का गला घोंटने की कोशिश की। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर और उसके बाद भारत सरकार की अधिसूचना के बाद सीबीआई ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है।’’

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