रॉयल यूनिवर्सिटी के छात्रों से बोले PM मोदी, एक दिन भूटान भी अपना उपग्रह बनाएगा

थिम्पू। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भूटान के छात्रों में असाधारण चीजें करने की शक्ति एवं क्षमता है, जो कि भावी पीढ़ी को प्रभावित करेगा। प्रधानमंत्री ने इस दौरान अंतरिक्ष और डिजिटल भुगतान जैसे नए क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच व्यापक सहयोग का प्रस्ताव भी रखा। भूटान के ‘रॉयल विश्वविद्यालय’ में छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने उनसे लगन से काम करने और हिमालयी देश को ऊंचाइयों पर ले जाने को कहा। मोदी ने कहा कि विश्व आज पहले से कई अधिक अवसर मुहैया कराता है। आप में असाधारण चीजें करने की शक्ति एवं क्षमता है, जो भावी पीढ़ी को प्रभावित करेगी। अपनी रुचि को पहचानें और पूरे जुनून के साथ उसपर काम करें।

इस दौरान कई मंत्री, सांसद और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने आगे कई चुनौतियां आने का उल्लेख करते हुए कहा कि हर चुनौती का उन्नत समाधान निकालने, उससे उबरने के लिए हमारे पास अपना युवा मस्तिष्क है। उन्होंने छात्रों से कहा कि कोई सीमा आपको रोक ना पाए। मैं आपको कहना चाहता हूं कि युवा होने के लिए इससे सही समय कोई नहीं हो सकता। मोदी ने कहा कि जैसा कि भूटान अपने प्रयासों में उच्च स्तर पर है, आपके 1.3 अरब भारतीय मित्र केवल आपको गर्व एवं खुशी के साथ नहीं देखेंगे। बल्कि वे आपके साथी बनेंगे, आपका साथ देंगे और आपसे सीखेंगे।
प्रधानमंत्री ने भारत के कई क्षेत्रों में ऐतिहासिक परिवर्तनों का सामना करने का जिक्र करते हुए कहा कि भारत स्कूलों, अंतरिक्ष से लेकर डिजिटल भुगतान, आपदा प्रबंधन तक नए मोर्चे पर बड़े पैमाने पर सहयोग करने को इच्छुक है। उन्होंने कहा कि हमने दक्षिण एशिया उपग्रह के थिम्पू ग्राउंड स्टेशन का उद्घाटन किया और अपने अंतरिक्ष सहयोग का विस्तार किया। उपग्रहों के माध्यम से, टेली मेडिसिन, दूरस्थ शिक्षा, संसाधन मानचित्रण, मौसम पूर्वानुमान और यहां तक कि प्राकृतिक आपदाओं की चेतावनी के लाभ भी कई दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचेंगे।भारत के चंद्रयान-2 मिशन और अंतरिक्ष कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भूटान भी अपना उपग्रह हासिल करने की दिशा में बढ़ रहा है। भूटान की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे मोदी ने शनिवार को भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग से मुलाकात की थी। मई में दूसरी बार सरकार का गठन करने के बाद मोदी का यह पहला विदेश दौरा है।

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