राष्ट्र को समर्पित सदैव अटल स्मृति स्थल, राष्ट्रपति कोविंद और PM मोदी ने किया उद्घाटन
नयी दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक ‘सदैव अटल’ उनके 94वें जन्मदिवस के अवसर पर मंगलवार को राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया। यह स्मारक राष्ट्रीय स्मृति स्थल के पास बनाया गया है। वाजपेयी की जयंती पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और अन्य गणमान्य हस्तियों ने राजघाट के नजदीक स्थित सदैव अटल स्मृति स्थल पर आयोजित प्रार्थना में हिस्सा लिया और श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं वाजपेयी के परिवार के सदस्य भी मौजूद थे। वाजपेयी का निधन लम्बी बीमारी के कारण गत 16 अगस्त को हो गया था।
यह समाधि एक कवि, मानवतावादी राजनेता और एक महान नेता के रूप में उनके व्यक्तित्व को दर्शाती है। समाधि के केंद्रीय मंच में चौकोर और काली पॉलिश वाले ग्रेनाइट के नौ ब्लॉक लगे हैं, जिसके केन्द्र में एक दीया रखा गया है – यह नौ की संख्या नवरसों,नवरात्रों और नवग्रहों का प्रतिनिधित्व करती है। नौ चौकोर पत्थरों की इस समाधि का मंच एक गोलाकार कमल के आकार में है। मंच तक चार प्रमुख दिशाओं से पहुंचा जा सकता है। इसके लिए सफेद मिश्रित टाइलों से मार्ग बनाये गये हैं ताकि फर्श गर्म न हो।
अटल स्मृति न्यास सोसायटी ने इस समाधि को विकसित करने की पहल की थी। यह सोसायटी प्रख्यात व्यक्तियों द्वारा गठित की गई है, जो 1860 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत है। सोसायटी के संस्थापक सदस्यों में सुमित्रा महाजन, लालजी टंडन, ओ–पी– कोहली, वजुभाई रूदाभाई वाला, विजय कुमार मल्होत्रा, राम लाल और राम बहादुर राय शामिल हैं। समाधि के लिए सरकार ने राजघाट के पास भूमि उपलब्ध करवाई है, जिसे सोसायटी अपनी लागत से एक सार्वजनिक स्थल के रूप में विकसित करेगी और इसकी देख-रेख करेगी। समाधि के लिए निर्धारित इस भूमि का मालिकाना हक सरकार का ही रहेगा।