राजस्थान: 15 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ, गहलोत बोले- SC, ST, OBC, अल्पसंख्यकों को दी कैबिनेट में जगह

जयपुर: राजस्थान में कैबिनेट विस्तार हो गया है। रविवार को 15 विधायकों ने राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट विस्तार के बारे में कहा कि इसमें SC, ST, OBC और अल्पसंख्यकों को जगह देने की कोशिश की गई है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा विधायकों को बोर्डों और निगमों में या संसद सचिव के तौर पर एडजेस्ट करेंगे।

कैबिनेट विस्तार के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “हमने नई कैबिनेट में सभी समुदायों- एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है। हम विभिन्न बोर्डों और निगमों में विधायकों की अधिकतम संख्या को समायोजित करने या उन्हें संसद सचिव बनाने का प्रयास करेंगे।”

11 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्री बने

जिन 15 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है, उनमें से 11 विधायकों ने कैबिनेट और चार विधायकों ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली है। इसके साथ ही राज्य के अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित फेरबदल पूरा हो गया। राज्य की कांग्रेस सरकार अगले महीने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करने जा रही है और मंत्रिमंडल में यह पहला फेरबदल है जिसे पार्टी आलाकमान द्वारा क्षेत्रीय व जातीय संतुलन के साथ-साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

राज्यपाल मिश्र ने विधायक हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल और शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई। वहीं, जाहिदा खान, बृजेंद्र ओला, राजेंद्र गुढ़ा और मुरारीलाल मीणा को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई।

उल्लेखनीय है कि नये मंत्रियों में ममता भूपेश, भजनलाल जाटव और टीकाराम जूली को राज्यमंत्री से पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। इस सूची में हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा और बृजेंद्र ओला सहित पांच विधायकों को पायलट खेमे का माना जाता है।

इसके अलावा पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती रुख अपनाए जाने के समय पायलट के साथ-साथ पद से हटाए गए विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस में आए छह विधायकों में से राजेंद्र गुढ़ा को भी मंत्री बनाया गया है।

इस पुनर्गठन में कैबिनेट मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को हटाया गया है। इन तीनों मंत्रियों ने संगठन में काम करने की मंशा से अपने इस्तीफे पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिए थे। डोटासरा इस समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं तो डॉ शर्मा को पार्टी ने हाल ही में गुजरात मामलों का और हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्य में 2023 के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस पुनर्गठन के जरिए क्षेत्रीय और जातीय संतुलन भी साधने की कोशिश की गई है। जिन तीन मंत्रियों को राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया गया है वे अनुसूचित जाति से हैं। नए कैबिनेट मंत्रियों में चार अनुसूचित जाति से, तीन अनुसूचित जनजाति से हैं। अब गहलोत कैबिनेट में तीन महिलाएं मंत्री हो गई हैं।

कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रहे किसी निर्दलीय विधायक को पुनर्गठन के तहत मंत्री पद नहीं दिया गया है। गहलोत मंत्रिमंडल में इन नए मंत्रियों के आने से अधिकतम 30 मंत्रियों का कोटा पूरा हो गया। सूत्रों ने कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 15 विधायकों को संसदीय सचिव और सात को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया जाएगा।

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