मेघालय में TMC बनी मुख्य विपक्षी पार्टी, कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक ममता के साथ

ममता बनर्जी भले ही दिल्ली में हैं और विपक्षी नेताओं से मुलाकात की तैयारी कर रही हैं। लेकिन उनकी पार्टी लगातार राष्ट्रीय स्तर पर खुद की पकड़ को मजबूत करने की कोशिश में है। इसकी शुरुआत पार्टी ने बंगाल के बाद त्रिपुरा और गोवा में कर दिया है। लेकिन अब पार्टी की नजर मेघालय पर भी है। यही कारण है कि मेघालय में तृणमूल कांग्रेस ने देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा समेत पार्टी के 12 विधायक  तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही मेघालय में अब तृणमूल कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है। आपको बता दें कि मेघायल में कांग्रेस पार्टी के 17 विधायक थे जिनमें से 12 ने पार्टी का दामन छोड़ दिया है। मिल रही जानकारी के मुताबिक इन सभी विधायकों ने शिलांग में पीएम से ज्वाइन किया। इससे पहले कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों के समूह ने विधानसभा अध्यक्ष एम लिंगदोह को विधायकों की सूची सौंपी है और उन्हें अपने निर्णय के बारे में बताया है। हालांकि पिछले कई दिनों से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि मुकुल संगमा और कांग्रेस आलाकमान के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा था। पिछले महीने ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुकुल संगमा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विन्सेंट एच पाला से मुलाकात की थी। मुकुल संगमा की सबसे बड़ी नाराजगी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विन्सेंट एच पाला की नियुक्ति को लेकर थी। पाला की नियुक्ति के बाद संगमा ने साफ तौर पर कह दिया था कि पार्टी ने यह निर्णय लेने से पहले उनसे मशविरा नहीं किया था। 2023 के मेघालय चुनाव को देखते हुए कांग्रेस के लिए इससे बड़ा झटका माना जा सकता है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस अब मजबूती से राज्य में अपनी पकड़ बना सकती हैं। इन दिनों टीएमसी के विकल्पों पर गौर करने के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम भी शिलांग में है।

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