भारत की संस्कृति में साधु-संतों का अहम योगदान-पीएम मोदी

पुणे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पुणे के देहू में आज श्री संत तुकाराम महाराज मंदिर का उद्घाटन किया. इस अवसर पर आमसभा को संबोधित करते उन्होंने हुए कहा कि, देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. हमें भारत की प्राचीन संस्कृति पर गर्व है और इसका श्रेय जाता है हमारे साधु-संतों की परंपरा को, जिनकी वजह से भारत की संस्कृति शाश्वत है.

“आज देश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के मंत्र पर चल रहा है. सरकार की हर योजना का लाभ हर किसी को बिना भेदभाव के मिल रहा है.”  पीएम मोदी ने कहा कि, संत तुकाराम जी कहते थे कि समाज में ऊंच नीच का भेदभाव बहुत बड़ा पाप है. उनका ये उपदेश जितना जरुरी भगवत भक्ति के लिए है, उतना ही महत्वपूर्ण राष्ट्रभक्ति और समाजभक्ति के लिए भी है. संत तुकाराम जी की दया, करुणा और सेवा का वो बोध उनके ‘अभंगों’ के रूप आज भी हमारे पास है. इन अभंगों ने हमारी पीढ़ियों को प्रेरणा दी है. जो भंग नहीं होता, जो समय के साथ शाश्वत और प्रासंगिक रहता है, वही तो अभंग होता है.पीएम मोदी ने कहा कि, छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे राष्ट्रनायक के जीवन में भी तुकाराम जी जैसे संतों ने बड़ी अहम भूमिका निभाई. आजादी की लड़ाई में वीर सावरकर जी को जब सजा हुई, तब जेल में वो हथकड़ियों को चिपली जैसा बजाते हुए तुकाराम जी के अभंग गाते थे.प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, भारत शाश्वत है, क्योंकि भारत संतों की धरती है. हर युग में हमारे यहां, देश और समाज को दिशा देने के लिए कोई न कोई महान आत्मा अवतरित होती रही है. देहू का शिला मंदिर न केवल भक्ति की शक्ति का एक केंद्र है बल्कि भारत के सांस्कृतिक भविष्य को भी प्रशस्त करता है.“इस पवित्र स्थान का पुनर्निमाण करने के लिए मैं मंदिर न्यास और सभी भक्तों का आभार व्यक्त करता हूं. श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग का निर्माण 5 चरणों में होगा और संत तुकाराम पालकी मार्ग का निर्माण 3 चरणों में पूरा किया जाएगा.”

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