बादल ने मोदी को दिया कृषि कानून का आइडिया: सिद्धू

चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने आज अकाली दल पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र के 3 काले कानूनों की नींव बादलों ने रखी, इन्हीं के ब्लू प्रिंट ने दिशा निर्देश लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने तीनों काले कानून बनाए।

नवजोत सिद्धू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होते ही कहा-‘आज सच्चाई सबके सामने रखूंगा तो पता चल जाएगा कि किसानों का असली गुनहगार कौन है और यह भी पता चल जाएगा कि पर्दे के पीछे से क्या गेम चल रही है। मैं क्यों कहता हूं कि काले कानूनों के यह जनक हैं, इन्होंने ही इन काले कानूनों का बीज बोया है

सिद्धू ने कहा-‘यह इन्हीं का आइडिया था और केंद्र की मोदी सरकार के सामने इनको लेकर गए, पहले पंजाब में लागू किया गया और मोदी सरकार को कहकर पूरे देश में लागू कराया गया। 2013 में एक अलग कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग एक्ट विधानसभा में पास कराया गया और जिस व्यक्ति ने उसे विधानसभा में रखा था वह और कोई नहीं बल्कि प्रकाश सिंह बादल थे। सिद्धू ने जोर देकर कहा-‘मैं यह कहता हूं कि पंजाब कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग एक्ट 2013 किसान कानूनों की आत्मा है।’

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- ‘फार्मिंग एक्ट में कहीं भी MSP की बात नहीं की गई, कार्पोरेट किसान की फसल MSP से कम दाम पर खरीद नहीं सकेगा यह लिखा ही नहीं गया, बल्कि उसको पूरा लाइसेंस दिया गया कि वह MSP से नीचे खरीद सके। इसी से इनकी नीयत साफ होती है, 108 फसलों का शेड्यूल लगाया गया, जिनको एक्ट के साथ जोड़ दिया गया और MSP से भी कम दाम पर खरीदा जा सके, और तो और जो दो MSP वाली फसलें थी धान और गेहूं उनको भी शामिल कर लिया गया।’ सिद्धू ने कहा-‘आप मेलजोल देखिए, इनका एक मूंह और दो आंखों का रिश्ता है। कानून के तहत जो भी डिस्प्यूट होगा उसे एसडीएम को सेटल करने का अधिकार दे दिया गया। अब करनाल वाले एसडीएम ने क्या किया आपको पता ही है। किसान से कोर्ट में जाने का अधिकार छीन लिया गया, अगर डिस्प्यूट होता है तो वह कोर्ट जा ही नहीं सकता, इस एक्ट में ऐसी बातें लिख दी गई। किसान को अपना हक मांगने का कोई अधिकार ही नहीं दिया गया इस कानून में।किसान अगर डिफॉल्ट करता है तो उसे 1 महीने की सजा और 5 हजार से 5 लाख के जुर्माने की सजा का प्रावधान रखा गया।

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