प्रशांत किशोर को लेकर 10 जनपथ पर कांग्रेस नेताओं की तीसरी बैठक

नई दिल्ली। राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के मिशन 2024 के प्रेजेंटेशन पर कांग्रेस काफी गंभीरता से विचार कर रही है। यही वजह है कि पिछले चार दिनों में मंगलवार को कांग्रेस की तीसरी बैठक 10 जनपथ पर जारी है। मंगलवार सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में इस बैठक में दिग्विजय सिंह, अम्बिका सोनी, कमलनाथ, के.सी. वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, ऐ.के. एंटनी, रणदीप सुरजेवाला और प्रशांत किशोर हिस्सा ले रहे हैं। प्रशांत किशोर के मिशन 2024 के प्रेजेटेंशन को लेकर कांग्रेस कितनी संजीदा है कि इसकी कमान खुद पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने संभाल रखी है। वहीं विदेश दौरे पर होने के कारण लगातार दूसरे दिन राहुल गांधी इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए।

माना जा रहा है मंगलवार को हो रही इस तीसरी बैठक का मकसद प्रशांत किशोर के प्रेजेंटेशन पर पार्टी नेताओं की राय जानना है। उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वाले समय में और भी ऐसी बैठकें हो सकती हैं। खास बात ये है कि कमेटी में शामिल मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह, रणदीप सिंह सुरजेवाला, के.सी. वेणुगोपाल ने बैठक में प्रशांत किशोर के प्रेजेंटेशन को लेकर पार्टी नेताओं की ओर से मंगलवार को अपनी राय दी।

सूत्रों के अनुसार, प्रशांत किशोर के चुनाव प्रस्ताव और उनको पार्टी में शामिल करने को लेकर दस जनपथ पर चर्चा जारी है। हालांकि उनके कांग्रेस में शामिल होने को लेकर अब तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। पार्टी के कुछ नेता अन्य राजनीतिक दलों से उनके करीबी संबंध होने के चलते इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि पीके का संबंध ऐसे दलों से है जिनका कांग्रेस से सीधा मुकाबला है या जो कांग्रेस को पसंद नहीं करते हैं, जैसे टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस, टीएमसी। गौरतलब है कि पिछले साल भी इन्हीं वजहों से प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच बातचीत असफल हो गई थी।

गौरतलब है कि इसके पहले शनिवार को प्रशांत किशोर ने दस जनपथ पर पार्टी नेताओं के साथ हुई पहली बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष के सामने मिशन 2024 पर एक विस्तृत प्लान पर प्रेजेंटेशन दिया था। सूत्रों के अनुसार, प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को एक ऐसा प्रस्ताव दिया है जिसके अंतर्गत पार्टी 370 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है और कुछ खास राज्यों की सीटों पर मित्र दलों के साथ गठबंधन कर सकती है। पीके ने सुझाव दिया है कि कांग्रेस को यूपी, बिहार और ओडिशा में अकेले लड़ना चाहिए जबकि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में गठबंधन करना चाहिए।

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