तुर्की ने रूस से खरीदा हथियार तो ट्रंप ने रद्द की F-35 फाइटर जेट डील, भारत को इशारा?

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि तुर्की के रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के कारण अमेरिका उसे F-35 लड़ाकू विमान नहीं बेचेगा। ट्रंप प्रशासन का यह फैसला भारत के लिए भी संकेत हो सकता है क्योंकि उसने भी अमेरिका की सलाह के खिलाफ जाकर रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए समझौता किया है। आपको बता दें कि भारत ने S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का यह समझौता रूस के साथ पिछले साल अक्टूबर में किया था।

ओबामा के फैसले से नाखुश दिखे ट्रंप

‘अपने राष्ट्रीय हित के अनुसार चलेगा भारत’
मौजूदा अमेरिकी कानूनों के अनुसार, कोई भी देश अगर रूस से बड़े रक्षा उपकरण खरीदता है तो उस पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। अमेरिकी संसद ने इस कानून में थोड़ी छूट दी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से जून में कहा था कि भारत प्रतिबंध झेल रहे रूस के साथ S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली सौदे के मामले में अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार फैसला करेगा। जयशंकर ने नई दिल्ली में कहा था,‘मेरा मानना है कि हम वही करेंगे जो हमारे राष्ट्रीय हित में है। प्रत्येक देश के दूसरे देश के राष्ट्रीय हित को समझना और उसकी सराहना करने की क्षमता उस रणनीतिक साझेदारी का हिस्सा है।’

तो क्या भारत का है अगला नंबर?
भारत में कई लोगों का मानना है कि यह छूट उनके देश के लिए है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने आगाह किया कि किसी भी देश के लिए व्यापक छूट नहीं है। तुर्की ने नाटो सहयोगी अमेरिका की चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए गत शुक्रवार को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की पहली खेप प्राप्त की। ट्रंप ने बताया कि तुर्की ने 100 एफ-35 विमानों का ऑर्डर दिया था। उन्होंने इसे बेहद जटिल स्थिति बताते हुए कहा कि उनका प्रशासन इस पर काम कर रहा है और देखते हैं कि नतीजा क्या निकलता है। ट्रंप ने पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन के इस मसले पर रुख पर नाखुशी जताई।

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