ट्रिपल तलाक बिल राज्यसभा में पास, ट्विटर पर महबूबा मुफ्ती से भिड़े उमर अब्दुल्ला

नई दिल्ली: तीन तलाक विधेयक मंगलवार को राज्यसभा में पारित कर दिया गया. बिल के पक्ष में 99 जबकि विपक्ष में 84 वोट पड़े. बिल पर फाइनल वोटिंग के वक्त राज्यसभा में कुल 183 सांसद मौजूद थे. सरकार को बिल पास करवाने के लिए 92 वोट चाहिए थे. राज्यसभा में विपक्षी दल बिल के खिलाफ एकजुट नहीं हो सके. विपक्ष के कुल 31 सांसदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. बीएसपी, सपा, एनसीपी और पीडीपी ने बॉयकट किया.

बिल पास होने के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला के बीच ट्विटर वार देखने को मिला. उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी पर एनडीए का समर्थन करने का आरोप लगाया. इस विवाद की शुरुआत पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती के एक ट्वीट से हुई.

दरअसल, तीन तलाक बिल पास होने के बाद महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, “तीन तलाक बिल को पास कराने की जरूरत को समझने में नाकाम हूं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इसे अवैध करार दिया था. मुस्लिम समुदाय को दंडित करने के लिए अनावश्यक का हस्तक्षेप है.” इस पर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती को जवाब देते हुए कहा, “महबूबा मुफ्ती जी, आप को यह चेक करना चाहिए कि इस ट्वीट से पहले आपके सदस्यों ने कैसे वोट किया. मुझे लगता है कि उन्होंने सदन में अनुपस्थित रहकर सरकार की मदद की क्योंकि बिल पास कराने के लिए उन्हें सदन में नंबर चाहिए थे.”उमर अब्दुल्ला के इस तंज के बाद महबूबा मुफ्ती ने भी पलटवार किया. उन्होंने एक जवाबी ट्वीट में कहा, “उमर साहब, मेरा सुझाव है कि आप नैतिकता का ऊंचा पाठ पढ़ाना बंद कर दीजिए क्योंकि यह आपकी अपनी ही पार्टी थी जिसने 1999 में बीजेपी के खिलाफ मतदान करने के लिए सोज साहब (सैफुद्दीन सोज) को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.”

इस पर अब्दुल्ला ने फिर जवाब देते हुए कहा, “मैडम, अगर 20 साल पुरानी घटना को याद करके आप पीडीपी के छल का बचाव कर सकती हैं तो करिए? इसलिए आप स्वीकार कर रही है कि आपने अपने सांसदों को सदन से गैरहाजिर रहने का निर्देश दिया था और इस गैर-मौजूदगी ने इस बार बीजेपी की मदद की.”

गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP के 2 सांसदों ने भी आज वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. अगर देखा जाए तो वोटिंग नहीं करने वाले सांसदों ने अ-प्रत्यक्ष रूप से सरकार की मदद की है.

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