जब PK 2012 और 2014 में गुजरात में बीजेपी के लिए काम करते थे तो उनकी विचारधारा कहां थी-JDU नेता अजय आलोक

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के आरोपों पर जनता दल यू ने पटलवार किया है। JDU नेता अजय आलोक ने कहा कि इस तरह की बातें लोग तभी करते है जब वो मानसिक रूप से अस्थिर होते हैं। अजय आलोक ने साफ कहा कि प्रशांत किशोर बिहार के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। विचारधारा के सवाल पर अजय आलोक ने कहा कि जब वह 2012 और 2014 में गुजरात में बीजेपी के लिए काम करते थे तो उनकी विचारधारा कहां थी। प्रशांत किशोर ने कहा था कि नीतीश जी हमेशा कहते हैं कि वह गांधी, जेपी और लोहिया के आदर्शों को नहीं छोड़ सकते। फिर वह उन लोगों के साथ कैसे रह सकते हैं जो कि गोडसे की विचारधारा का समर्थन करते हैं। दोनों एक साथ नहीं चल सकते। अगर आप भाजपा के साथ खड़े रहना चाहते हैं, तो मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन आप दोनों तरफ तो नहीं रह सकते।

प्रशांत किशोर पर हमला जारी रखते हुए आज अजय आलोक ने कहा कि वह कह रहे हैं कि हम हमेशा लालू के विरासत के साथ तुलना करते हैं तो फिर क्या हमें बिहार सरकार की तुलना डोनाल्ड ट्रंप से करनी चाहिए। नीतीश कुमार की सरकार जब 2005 में बिहार में सत्ता में आई तो हमने लालू प्रसाद की विरासत ही मिली थी इसलिए हम उन्ही से ही तुलना करते हैं। मानसिक रूप से अस्थिर होने का आरोप लगाते हुए आलोक ने कहा कि प्रशांत किशोर एक तरफ नीतीश कुमार को पिता तुल्य बताते हैं लेकिन वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार की कमियों के बारे में बताते हैं जो सच है ही नहीं। वहीं प्रशांत किशोर के आरोप पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने भी कहा कि हम उनके आरोपों को बहुत ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं। प्रशांत किशोर राजनीतिक व्यक्ति नहीं है इसलिए उन्हें हम ज्यादा महत्व भी नहीं देते हैं। बेहतर होगा वह राजनीति दल बनाने के बाद बिहार में नीतीश कुमार को चुनौती दें।
आपको बता दें कि चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास मॉडल पर सवाल खड़ा किया और उन पर सैद्धांतिक विचारधारा से समझौता कर भाजपा के साथ गठबंधन में रहने की बात पर कटाक्ष भी किया। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ आवाज उठाने वाले किशोर ने कहा कि कुमार को यह बताना चाहिए कि वह महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे के साथ एक साथ कैसे खड़े रह सकते हैं।

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