खूनी संघर्ष के बाद चीन ने गलवान घाटी पर संप्रभुता का दावा किया

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत ने अपने 20 सैनिकों को खो दिया। इस घटना के एक दिन बाद चीन ने कहा कि उसने ‘हमेशा से गलवान घाटी क्षेत्र पर संप्रभुता बनाए रखी है।’ समाचार न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एलएसी पर गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद पीएलए के पश्चिमी थिएटर कमान के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग शुइली ने मंगलवार रात यह बयान दिया।

शुइली ने बयान में कहा कि गलवान घाटी क्षेत्र पर संप्रभुता हमेशा चीन के पास रही है।

उन्होंने कहा, “भारतीय सीमा बल अपने वायदों पर कायम नहीं रहे और दोनों देशों के बीच बनी सहमति का गंभीर रूप से उल्लंघन किया गया, कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान बनी सहमति का उल्लंघन किया गया और दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों और दोनों देशों के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई।”

शुइली ने अपने बयान में जोर देकर कहा, “हम भारतीय सेना से मांग करते हैं कि उसे अपनी सभी उकसावे वाली कार्रवाई रोक देनी चाहिए, चीनी पक्ष से बात करनी चाहिए और वार्ता के माध्यम से विवाद के समाधान के सही रास्ते पर लौटना चाहिए।”

चीन सरकार समर्थित अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, देश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सीमा तनाव को कम करने के उद्देश्य से राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से चीन और भारत के करीबी संचार के बावजूद, भारतीय सैनिकों ने सोमवार को आम सहमति का गंभीर उल्लंघन किया।

भारतीय सेना ने सोमवार रात को गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों के साथ एक अभूतपूर्व हिंसक झड़प में अधिकारियों सहित अपने 20 जवानों को खो दिया। सेना ने कहा कि शहीद होने वाले जवानों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों पक्षों में हताहत हुए हैं। वहीं सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, “उनका (चीन का) हताहतों का आंकड़ा अब तक एकल अंक (10 से कम) में है।”

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