कृषि बिल पास होने का भाजपा ने किया स्वागत, जे पी नड्डा बोले- ‘किसानों को मिली आजादी’

नयी दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने संसद द्वारा कृषि संबंधी विधेयकों को पारित किये जाने की सराहना करते हुए रविवार को कहा कि इससे किसान अपनी मर्जी के मालिक होंगे, उन्हें अपने उत्पादों की बिक्री की आजादी और बिचौलियों के चंगुल से मुक्ति मिलेगी। विधेयक पारित होने के समय राज्यसभा में हंगामे की स्थिति उत्पन्न करने को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए नड्डा ने उनके व्यवहार को गैर जिम्मेदाराना और लोकतंत्र पर आघात बताया। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सदन के सभापति इस पर संज्ञान लेंगे। भाजपा अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा कि विपक्षी सदस्यों ने सदन में आसन के समीप आकर कोविड-19 के प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। राज्यसभा में रविवार को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के बीच कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी।

लोकसभा में ये विधेयक पहले ही पारित हो चुके हैं। नड्डा ने कहा, ‘‘ एमएसपी अर्थात न्यूनतम समर्थन मूल्य था, है और रहेगा। एपीएमसी की व्यवस्था भी बनी रहेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए किसानों के बेहतर भविष्य के लिए ये कदम उठाए हैं जो किसानों की आय को दोगुना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। किसानों को उपज बेचने का विकल्प देकर उन्हें सशक्त बनाया गया है।बिक्री लाभदायक मूल्यों पर करने से चयन की सुविधा का भी लाभ किसान ले सकेंगे। इससे जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान किसान के घर पर ही उपलब्ध होगा।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह मोदी सरकार है जिसने स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू किया, किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि दी, फसल बीमा की सौगात दी और कृषिगत सुधार के लिए एक लाख करोड़ रुपये का अलग से आवंटन किया। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने लोक सभा चुनाव 2019 के अपने घोषणापत्र में एपीएमसी व्यवस्था को खत्म करने की बात की थी जबकि इन विधेयकों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) बनी रहेगी। भाजपा अध्यक्ष ने सवाल किया कि मोदी सरकार तो किसानों को बेहतर विकल्प उपलब्ध करा रही है लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस किसानों को सशक्त होते क्यों नहीं देखना चाहते? उन्होंने कहा कि किसानों और गरीबों को गुमराह कर राजनीति करने की कांग्रेस की पुरानी आदत रही है। कांग्रेस के दोहरे चरित्र से किसान वाकिफ हैं, वे अब उसके बहकावे में आने वाले नहीं हैं।

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