अशोक गहलोत सरकार ने सदन में जीता विश्वास मत, विधानसभा 21 अगस्त तक के लिए स्थगित

जयपुर:राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है। सदन में ध्वनि मत से यह प्रस्ताव पारित हुआ। गहलोत सरकार का बहुमत साबित होने के बाद सदन 21 अगस्त (शुक्रवार) तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोरोनावायरस से लड़ रही है, बीजेपी सरकार गिराने का काम कर रही है।

 विश्वास मत पर चर्चा के दौरान विधानसभा में अशोक गहलोत ने केंद्र पर निशाना साधते हुए यह सवाल उठाया कि क्या ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का देश में दुरुपयोग नहीं हो रहा है?  क्या लोकतंत्र में यह अच्छी बात है ?गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने राजस्थान को गोवा या मध्यपदेश नहीं बनने दिया। गहलोत ने कहा कि पूरी पार्टी संगठित है और एकजुट है। प्रस्ताव पर बहस के दौरान विपक्षी नेताओं द्वारा कई बार मुख्यमंत्री और सचिन पायलट के बीच चली खींचतान पर कटाक्ष किए जाने का जिक्र करते हुए गहलोत ने इसे पार्टी का अंदरूनी मामला बताया । उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा वाले कौन होते हैं हमारी पार्टी के बारे में बोलने वाले। ये हमारी पार्टी का अंदरूनी मामला है।’’

विधायकों के फोन टैप के आरोपों को खारिज करते हुए गहलोत ने कहा,‘‘हमारे यहां कोई फोन टैप नहीं होता। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं।’’ मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन ने सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव को ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सदन द्वारा मंत्रिपरिषद में विश्वास व्यक्त करने का प्रस्ताव स्वीकार किए जाने की घोषणा की। इसके बाद सदन की कार्रवाई 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गयी। इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने सरकार की ओर से विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया  आपको बता दें कि सचिन पायलट के व्रिदोह के बाद गहलोत सरकार पर संकट के बादल छा गए थे, लेकिन अब सरकार खतरे से बाहर है।

धर, कांग्रेस के सीनियर नेता और हाल में बगावत की वजह से सुर्खियां बटोरनेवाले सचिन पायलट ने विधानसभा के बाहर पत्रकारों से कहा कि सरकार द्वारा लाया गया विश्वास प्रस्ताव अच्छे बहुमत से आज विधानसभा में पारित हुआ है। विपक्ष ने कई बार व्यवधान डालने की कोशिश की लेकिन अंतत: परिणाम सरकार के पक्ष में आया है।

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