अमेरिका के साथ पहली बार होगी तालिबान से वार्ता

काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता स्थापित हो चुकी है और इसके बाद पहली बार अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ता होनी है। आपको बता दें कि अमेरिकी अधिकारी शनिवार और रविवार को तालिबान के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। जिसका मुख्य उद्देश्य विदेशी नागरिकों और उन अफगान लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकालना है जिनके ऊपर खतरा मंडरा रहा है।

दरअसल, अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के साथ ही तालिबान ने वहां के प्रांतों पर कब्जा करना शुरू कर दिया था और 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल में स्थिति राष्ट्रपति भवन की तरफ कूच की। जिसके चलते अमेरिकी समर्थित अशरफ गनी सरकार गिर गई और 30 अगस्त को अमेरिकी सेना की पूरी तरह से घरवापसी हो गई।

आपको बता दें कि तालिबान के साथ वार्ता में अमेरिका दबाव बनाने की कोशिश करेगा कि तालिबान महिलाओं, बच्चियों और अफगानि लोगों के हितों का ध्यान रखें और उनके अधिकारों का सम्मान करें। अमेरिका विदेशी मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिका तालिबान पर ज्यादा लोगों के समर्थन से समावेशी सरकार बनाने का जोर देगी।

गौरतलब है कि विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा था कि तब से अमेरिका द्वारा 105 अमेरिकी नागरिकों और 95 ग्रीन कार्ड धारकों को अफगानिस्तान से निकाला गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबानी प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि वार्ता के दौरान उस शांति समझौते पर भी बात होगी जो तालिबान ने साल 2020 में वाशिंगटन के साथ किया था। इसी समझौते के परिणामस्वरूप अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी हुई है।

अमेरिका के साथ होगी बैठक

सुहैल शाहीन ने कहा कि हां, बैठक होने वाली है। यह द्विपक्षीय संबंधों और दोहा समझौते को लागू करने के बारे में है। वहीं इस बैठक में आतंकवाद का मुद्दा उठाया जा सकता है।

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