अधीर रंजन ने राष्ट्रपति मुर्मू को चिट्ठी लिखकर मांगी माफी, कहा- मेरी जुबान फिसल गई थी

लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपनी उस टिप्पणी के लिए माफी मांग ली, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहकर संबोधित किया था. उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए भूलवश एक गलत शब्द का इस्तेमाल किया. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यह जुबान फिसलने से कारण हुआ. मैं माफी मांगता हूं और आपसे आग्रह करता हूं कि आप इसे स्वीकार करें.’

इससे पहले राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जु्न खड़गे ने आज राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से आग्रह किया कि उच्च सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बारे में सत्तापक्ष की ओर से की गई टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए क्योंकि केंद्रीय मंत्रियों ने संसदीय प्रक्रियाओं एवं परिपाटी का उल्लंघन किया है.

खड़गे का कहना है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी कहकर संबोधित किए जाने से जुड़ा विषय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उच्च सदन के नेता पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को उठाया था और इस दौरान दोनों ने सोनिया गांधी का उल्लेख किया जो राज्यसभा की सदस्य नहीं हैं.

उन्होंने नायडू को पत्र लिखकर कहा, ‘आप स्वयं संसदीय प्रक्रियाओं और परंपराओं से अच्छी तरह अवगत हैं. यह परिपाटी रही है कि इस सदन में दूसरे सदन या उसके सदस्यों के बारे में उल्लेख अथवा आलोचनात्मक टिप्पणी नहीं की जाती.’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सीतारमण और गोयल टिप्पणियों के कुछ अंश का भी पत्र में उल्लेख किया और कहा कि दूसरे सदन के सदस्य के विशेषाधिकार से जुड़ा सवाल इस सदन में नहीं उठाया जा सकता.

इससे पहले राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जु्न खड़गे ने आज राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से आग्रह किया कि उच्च सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बारे में सत्तापक्ष की ओर से की गई टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए क्योंकि केंद्रीय मंत्रियों ने संसदीय प्रक्रियाओं एवं परिपाटी का उल्लंघन किया है.

खड़गे का कहना है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी कहकर संबोधित किए जाने से जुड़ा विषय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उच्च सदन के नेता पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को उठाया था और इस दौरान दोनों ने सोनिया गांधी का उल्लेख किया जो राज्यसभा की सदस्य नहीं हैं.

उन्होंने नायडू को पत्र लिखकर कहा, ‘आप स्वयं संसदीय प्रक्रियाओं और परंपराओं से अच्छी तरह अवगत हैं. यह परिपाटी रही है कि इस सदन में दूसरे सदन या उसके सदस्यों के बारे में उल्लेख अथवा आलोचनात्मक टिप्पणी नहीं की जाती.’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सीतारमण और गोयल टिप्पणियों के कुछ अंश का भी पत्र में उल्लेख किया और कहा कि दूसरे सदन के सदस्य के विशेषाधिकार से जुड़ा सवाल इस सदन में नहीं उठाया जा सकता.

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