नीरज चोपड़ा ने फिर रचा इतिहास
टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने के बाद भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक के बाद एक नई उपलब्धियां 24 वर्षीय नीरज के कदमों को चूम रही हैं। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में चोट के कारण हिस्सा नहीं ले पाए थे लेकिन चोट के बाद उन्होंने दमदार वापसी की और ज्यूरिख में डायमंड लीग फाइनल्स का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। 2010 में शुरू हुए इस लीग के 13वें एडिशन में नीरज ऐसा करने वाले पहले भारतीय एथलीट भी बने।
इससे पहले भी नीरज चोपड़ा 2017 और 2018 में भी इस लीग के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में सफल हुए थे। लेकिन वहां उन्हें खिताब नहीं मिला था और वह क्रमशः सातवें और चौथे स्थान पर रहे थे। लेकिन दो विफलताओं से उन्होंने सीखा और अब 2022 में वह इस लीग के चैंपियन बन गए हैं। उन्होंने 88.44 मीटर की सर्वश्रेष्ठ दूरी पर भाला फेंककर ज्यूरिख में भारत के लिए इतिहास रच दिया।
खराब शुरुआत के बाद नीरज की दमदार वापसी
डायमंड लीग फाइनल्स में नीरज चोपड़ा की शुरुआत अच्छी नहीं थी और उनका पहला थ्रो फाउल हो गया था। इसके बाद दूसरे राउंड में उन्होंने 88.44 मीटर की दूसरी पर भाला फेंक कर बढ़त बना ली। अंत तक यह ही उनका बेस्ट थ्रो रहा। इसके बाद तीसरे राउंड में भारतीय एथलीट ने 88.00 मीटर, चौथे में 86.11 मीटर, पांचवें में 87.00 मीटर और छठे में प्रयास में 83.60 मीटर की दूरी पर थ्रो किया। अंत में अपने दूसरे प्रयास की बढ़त के साथ नीरज चोपड़ा विजेता बने।
डायमंड लीग फाइनल्स में चेक गणराज्य के ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट जैकब वाडलेज 86.94 मीटर के थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वहीं जर्मनी के जूलियन वेबर को 83.73 मीटर के थ्रो के साथ तीसरा स्थान मिला। 24 वर्षीय भारतीय जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा अब ओलंपिक चैंपियन, विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता और डायमंड लीग चैंपियन हैं। यह उपलब्धियां उन्होंने पिछले 13 महीनों में अपने नाम की हैं जिसका सफर 7 अगस्त 2021 को टोक्यो ओलंपिक के गोल्ड मेडल के साथ शुरू हुआ था।
नीरज चोपड़ा को मिला ये ईनाम
गौरतलब है कि चोट के बाद शानदार वापसी करते हुए नीरज चोपड़ा ने लुसाने में डायमंड लीग का क्वालीफाइंग राउंड जीतकर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। डायमंड लीग को ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के बाद ट्रैक एंड फील्ड की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता माना जाता है। इस लीग के चैंपियन नीरज चोपड़ा को डायमंड ट्रॉफी, 30,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं उन्हें 2023 में हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए भी वाइल्ड कार्ड एंट्री मिल गई है।